स्टेफ़ेनिया मारासिनीनु Ștefania Mărăcineanu in hindi tefania mărăcineanu : रोमानियाई भौतिक विज्ञानी स्टेफ़ेनिया मारासिनीनु के 140वें जन्मदिन के अवसर पर गूगल ने आज गूगल डूडल पर उनका डूडल लगाया है। स्टेफ़ेनिया मारासिनीनु जो की रेडियोधर्मिता की खोज और अनुसंधान में इनकी प्रमुख भूमिका थी लेकिन लेकिन उन्हें खोज के लिए वैश्विक मान्यता कभी नहीं मिली।
स्टेफ़ेनिया मारासिनीनु कौन थी
स्टेफ़ेनिया मारासिनीनु का जन्म 18 जून 1882 को बुखारेस्ट, Kingdom of Romania में हुआ था, इनके माता पिता का नाम सेवस्तिया और सेबस्टियन मोरसिनेनु था, इन्होने बुखारेस्ट, Kingdom of Romania में ही सेंट्रल स्कूल फॉर गर्ल्स से ही अपनी हाई स्कूल की पढाई पूरी की थी
1907 में बुखारेस्ट विश्वविद्यालय में इन्होने अपनी शिक्षा की शुरुआत के साथ सन 1910 में इन्होने भौतिक और रसायन विज्ञान से अपने डिग्री प्राप्त की, उनकी “लाइट इंटरफेरेंस एंड इट्स एप्लीकेशन टू वेवलेंथ मेजरमेंट” के लिए उन्हें 300 ली (Romania Currency) का पुरुस्कार मिला।
डिग्री लेने के बाद सन 1915 में इन्हें बुखारेस्ट के सेंट्रल स्कूल फॉर गर्ल्स में शिक्षक की नौकरी मिली और यहाँ इन्होने 1940 तक हाई स्कूल में पढाया, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, इन्हें एक फेलोशिप मिली, और पेरिस गयी, 1919 में मैरी क्यूरी के साथ सोरबोन, पेरिस में रेडियोधर्मिता की पढाई की।
इसके बाद सन 1926 में स्टेफ़ेनिया मारासिनीनु ने रेडियम संस्थान से मैरी क्यूरी के साथ एक शोध भी किया, रेडियम स्थान से पीएच्.डी पूरी की और एक थीसिस भी लिखी जो की जॉर्जेस अर्बेन जो की पेरिस में रसायन विज्ञान संस्थान के संस्थापक के द्वारा पढ़ी भी गयी थी, साथ ही उनकी यह थीसिस सन 1924 में प्रकाशित भी हुई थी।
पोलोनियम पर अपनी पीएचडी थीसिस के दौरान इन्होने पाया की पोलोनियम के अल्फ़ा किरणों के संपर्क में आने के परिणामस्वरूप परमाणुओं में रेडियोधर्मी समस्थानिक बन सकते है।
मेडॉन में खगोलीय वेधशाला में चार साल तक काम करने के बाद, वह रोमानिया लौट आई और रेडियोधर्मिता के अध्ययन के लिए अपनी मातृभूमि की पहली प्रयोगशाला की स्थापना की। यहाँ उन्होंने कृतिम बारिस पर शोध किया, इसके आलावा इन्होने भूकंप के कारण उपरिकेंद्र में रेडियोधर्मिता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है इसकी जानकारी देने वाली पहली महिला भी बनी।
1935 में, मैरी क्यूरी की बेटी इरेन करी और उनके पति को कृत्रिम रेडियोधर्मिता की खोज के लिए संयुक्त नोबेल पुरस्कार मिला। स्टेफ़ेनिया मारासिनीनु का कहना था की इस खोज में उनकी भी अहम् भूमिका थी। Ștefania Mărăcineanu in hindi
1936 में एकेडमी ऑफ साइंसेज रोमानिया के द्वारा उनके काम को मान्यता मिली, और उन्हें अनुसंधान निदेशक के रूप में सेवा देने का अवसर भी दिया गया, लेकिन उन्हें खोज के लिए वैश्विक मान्यता कभी नहीं मिली। 15 अगस्त 1944 को 62 वर्ष की उम्र में स्टेफ़ेनिया मारासिनीनु की मृत्यु बुखारेस्ट, Kingdom of Romania में हुई।
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