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Marsha P. Johnson कौन थी

मार्शा प जॉनसन : गूगल डूडल पर आप आज जिस सकशियत को देख रहे है वह है मार्शा प जॉनसन जो की एक वकील थी और यह समलैंगिक अधिकारों के लिए लड़ रही थी।

मार्शा प जॉनसन का जन्म अमेरिका के एलिजाबेथ शहर में 14 अगस्त 1945 को एक मध्य परिवार में हुआ था, इनके पिता का नाम मैल्कम माइकल्स जूनियर था और इनकी माता का नाम अलबर्टा क्लिबोर्न था।

इनके पिता पुर्जो को जोड़कर विभिन्न प्रकार के औजारों का निर्माण करने वाली एक फैक्ट्री में काम किया करते थे और माता गृहणी थी , इनके परिवार में इनके आलावा छ: भाई बहन भी थे जो की एक परिवार के रूप में एक साथ अमेरिका के एलिजाबेथ, न्यू जर्सी में रहते थे।मार्शा प जॉनसन Marsha P. Johnson

इनकी रूचि इसाई धर्म में अधिक थी जिस कारण ये बचपन में चर्च में अधिक समय व्यतीत किया करते थे। उन्होंने लगभग 5 वर्ष की आयु में अपनी रूचि के अनुसार कपडे पहनने शुरू कर दिए थे लेकिन अपने आस पड़ोस के बच्चो द्वारा उनको छेड़ा जाता था और उनकी मजाक उड़ाई जाती थी।

कथित तौर पर एक बार उनकी माता ने भी उनसे कहा था कि समलैंगिक होना कुत्ते से भी गया गुजरा माना जाता है समाज में।

1963 में इन्होने एलिजाबेथ में ही एडिसन नामक उच्च विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की लेकिन अब इस स्कुल का नाम “थॉमस ए. एडिसन करियर और टेक्निकल एकेडेमी” बदल गया है। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने अपना घर महज 15 डॉलर और एक कपड़ो का भरा बैग साथ में रखकर छोड़ दिया और यहाँ से वे न्यूयॉर्क के एक गाँव में चले गए थे जिसका नाम “ग्रीनविच” था।

1966 में इस गाँव में पहुंचकर वे कई समलैंगिक व्यक्तियों से मिले और उनके अनुभवों को जाना कि समाज उन्हें किस नजर से देखता है और उन्हें किसी भी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है न किसी के साथ रहने का , न शादी का आदि।

समाज में समलैंगिकों की ऐंसी स्तिथि ऐंसी थी की उन्हें छुपकर रहना पड़ता था, और आम लोगो की तरह बहुत से अधिकार प्राप्त नहीं थे, समाज का समलैंगिकों के प्रति इस तरह की घृणा की नजर को सही करने के लिए इन्होने कुछ मांगो के साथ आन्दोलन शुरू किया और आज समलैंगिको को विशेष अधिकार प्राप्त है

समलैंगिको को उनके अधिकारों की मांगों को लेकर किये गए आन्दोलन में इनकी प्रमुख भूमिका थी , इस सामाजिक और राजनैतिक आन्दोलन को “समलैंगिक मुक्ति” नाम दिया गया था , इस आन्दोलन के पीछे इनका उद्देश्य केवल यही था कि समलैंगिको को भी आम नागरिकों की तरह ही अधिकार मिले , उन पर हो रहे अत्याचारों और उत्पीड़नों को रोकने के लिए कानुनी प्रावधान होने चाहिए।

इस आन्दोलन में इनके साथ इनके इनके बहुत से दोस्त भी शामिल थे जो सभी अमेरिका में आन्दोलन चला रहे थे भले ही यह आन्दोलन काफी लम्बे समय तक चला लेकिन इनके अंत में समलैंगिकों को उनके अधिकार दिए गए है जो पहले उनके पास नहीं थे

इनके समय एड्स के मरीज को भी अलग ही नजर से देखने की आदत समाज की थी स्थिति ऐंसी थी की जिस किसी को भी यह बिमारी होती वह बताने से डरता था क्योंकि उस व्यक्ति का बहिस्कार समाज के द्वारा कर दिया जाता था

लेकिन इन्होने इसके लिए भी बहुत से कार्य किये और लोगो को इसके प्रति जागरूक किया की यह एक बिमारी है जो किसी को भी हो सकती है साथ ही लोगो को यह भी समझाया की इन बीमार लोगो को बिमारी से लड़ने के लिए क्षमता मिल सकती है जो की समाज इन लोगो को घृणा की नजर से नहीं देखे तो

शुरू शुरू में यह अपने उपनाम के तौर पर ब्लैक मार्शा उपयोग करती थी लेकिन बाद में इन्होने खुद ही अपना उपनाम बदलकर ड्रैग क्वीन रख लिया साथ ही इन्होने अपना नाम मार्शा प जॉनसन रख लिया और तब से इन्हें इसी नाम से जाना जाता है

अपने जीवन भर वह लोगो को इसी तरह के सन्देश दिया करती थी की किसी भी व्यक्ति के साथ लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए, सभी को सामान अधिकार से जीने का अधिकार होना चाहिए, केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी उनके पुरे अधिकार मिलने चाहिए

मार्शा प जॉनसन ने सिल्विया रिवेरा के साथ मिलकर  Street Transvestite Action Revolutionaries एक संगठन की स्थापना की जो की एक समलैंगिक, लिंग गैर-अनुरूपता और ट्रांसजेंडर स्ट्रीट एक्टिविस्ट संगठन था जिसका काम घर कतारबद्ध युवाओं को आश्रय और भोजन प्रदान करना का था

मार्शा प जॉनसन की मृत्यु 46 वर्ष की उम्र में अमेरिका के न्यूयार्क शहर में 6 जुलाई 1992 को  में हो गयी थी।

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