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भारत चीन सीमा विवाद क्या है – इस जगह पर है चीन की नजर

भारत चीन सीमा विवाद क्या है : भारत और चीन के बिच की रेखा जिसे मैकमोहन रेखा के नाम से जाना है का निर्धारण 1914 में किया गया जो भारत और चीन के लिए नियंत्रण रेखा के तौर पर काम करती है, लेकिन चीन के लिए इतना ही काफी नहीं था की चीन  कही न कही और किसी न किसी जगह से भारत की जमींन पर अपना अधिकार करने की कोशिश करता रहा और आज भी कर रहा है।भारत चीन सीमा विवाद क्या है

भारत कभी भी किसी भी देश पर हमला करने और उसकी जमीन पर अधिकार करने की सोच नहीं रखता है लेकिन चीन के ओर से यह कोई नया मामला नहीं है बल्कि चीन ऐंसा पहले भी करता आया है फिर चाहे वह 1962 में हुआ भारत चीन का ही युद्ध क्यों न हो जिसमे भले ही भारत 1962 में चीन से नहीं जीत पाया हो लेकिन जिस तरह 1962 में भारतीय सेना ने चीनी सेना के दांत खट्टे किये थे वह तो आज भी चीन को याद है।

भारत चीन सीमा विवाद क्या है

सीमा को लेकर आजकल भी चीन फिर भारत के साथ विवाद कर रहा है, और सीमा पर अपनी सेना भी बड़ा रहा है, लेकिन कौन सी जगह पर है चीन की नजर आइये जानते है

चीन एक बार फिर LAC यानि की Line Of Actual Control पर दखल दे रहा है जो की विवाद का कारण बन गया है,  भारत की चीन के साथ 3488 किलोमीटर तक की सीमा है, भारत जिस लाइन को LAC मनाता है अक्सर चीन उस लाइन को नहीं मनाता है जिसके चलते चीन हमेशा विवाद कर भारत को उकसाने का काम करता है।

चीन का बिबाद केवल एक जगह पर नहीं बल्कि पांगोंग झील, गलबान घाटी, डेमचक पर भी सीमा को लेकर विवाद है। लदाख और अक्साई चीन के बिच स्थिति गलवान घटी और पांगोंग झील जिसे lac भारत चीन में बाँट देती है, यहाँ पर हाल ही में चीन की और से कुछ टेंट लगाये गए, और सीमा पर अपनी सेना की संख्या को बढाया इन सबके पीछे चीन का मकसद था भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने का

भारत ने चीन को टक्कर देने के लिए अपनी सेना की संख्या को भी बढ़ा दिया है, इसके आलावा भारत ने चीन को टक्कर देने के लिए अपने टैंक, पांगोंग झील में बोट, और वायु सेना को भी सीमा पर तैनात कर दिया है

जब भी भारत सीमा पर कोई निर्माण कार्य करता है तो चीन तब भी इसमें भी दखल देता आया है और इसके चलते भी बिबाद हुआ है इसके आलावा चीन के भारतीय सीमा पर हैलीकॉप्टर भी देखे गए वही चीन यहाँ पर हैलीपैड भी बना रहा है, इसके साथ ही चीन जंग जैसी एक पूरी तैयार्री कर रहा है

चीन की नजर केवल लदाख में ही नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी है चीन यह चाहता है की भारत तवांग के बदले अक्साई चीन जिस पर चीन का कब्ज़ा है का कुछ हिस्सा भारत रख ले अक्साई चीन जिस पर 1962 के युद्ध में चीन ने कब्ज़ा कर लिया था भारत का ही हिस्सा है, और चीन चाहता है की भारत अपने ही हिस्से के बदले अपना हिस्सा ले, जो की संभव नहीं है।

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