नवरोज़ त्योहार कहाँ मनाया जाता है- नौरोज़ या नवरोज़ त्यौहार को पारसी समुदाय के लोगो के द्वारा मनाया जाता है, फारसी भाषा में नौरोज़ या नवरोज़ का अर्थ होता है ‘नया दिन’ नवरोज़ जो की ईरानी कलेंडर के अनुसार साल का पहला दिन होता है। इस दिन पारसी समुदाय के लोग नववर्ष मानते है, यानि की साल की पहले महीने का पहला दिन के अवसर पर जश्न मानते है।
इस दिन की शुरुआत का श्रेय फारस के राज़ा जमशेद को जाता है क्योंकि इन्होने ही फारसी कैलेंडर की स्थापना की थी, नवरोज़ का यह पर्व प्रत्येक साल मार्च की महीने में पड़ता है, ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह पर बसंत ऋतू में मनाया जाता है।
ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमनिस्तान, उज़्बेकिस्तान, अफ्तानिस्तान, पाकिस्तान, अजरबैजान, ईराक, तुर्की के लोग खासकर इस पर्व को मानते है, भारत में यह त्यौहार जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात में रहने वाले पारसी समुदाय के लोगो के द्वारा मनाया जाता है।
यह पर्व तब मनाया जाता है जिस दिन दिन और रात बराबर होते है, इस पर्व पर पारसी समुदाय के लोग एक दूसरे को बधाई देते है, घर की साफ सफाई कर अपने रिश्तेदारों को खाने पर बुलाते है, घरों में रंगोली बनाई जाती है, साथ ही सभी लोग शांति बनी, रही सभी स्वस्थ रहे जैसी मनोकामना करते है।
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