× Join Knowledge Hindi Me WhatsApp Channel  

Click Here

लाल बहादुर शास्त्री की हत्या कैसे हुई?

लाल बहादुर शास्त्री की हत्या कैसे हुई? – भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के कार्यकाल के दौरान उनकी मृत्यु आज भी एक संदेह का कारण बनी हुई है क्योंकि उनकी मृत्यु कैसे हुई इससे जुडी आज भी कोई सार्वजनिक फ़ाइल् सरकार पेश नहीं कर सकी, लाल बहादुर शास्त्री जी को शांति दूत, शास्त्री, नन्हे के नाम से जाना जाता था।

लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु कैसे हुई

लाल बहादुर शास्त्री जी की जीवनी

जय जवान जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म उत्तर प्रदेश वाराणसी के निकट मुगलसराय में 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था, इनके पिता का नाम श्री मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम श्रीमती रामदुलारी था, इनके पिता शिक्षक थे।

जब लाल बहादुर शास्त्री जी डेढ़ साल के थे तो इनके पिता का देहांत हो गया था, और इसके बात इनके लालन पोषण का सारा भार इनकी माता पर आ गया इनकी माता अपने तीनो बच्चो को लेकर अपने पिता के घर मिर्जापुर चली गयी।

उस समय गावों में कम स्कूल हुआ करती थी जिस कारण इन्हें स्कूल जाने के लिए बहुत अधिक दूर जाना होता था, रास्ता इतना मुश्किल हुआ करता था की बिच में एक नदी को तैरकर हर रोज पार कर स्कूल जाना पड़ता था।

16 वर्ष की आयु में अपनी पढाई छोड़कर ये गाँधी जी के असहयोग आन्दोलन में शामिल हुए, इस दौरान वह जेल भी गए लेकिन नाबालिग होने की वजह से उन्हें छोड़ दिया गया, लाल बहादुर शास्त्री जी की भारत छोड़ो आन्दोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, सविनय अविज्ञा आन्दोलन में भाग लेने के दौरान भी उन्हें ढाई साल की जिल हुई, और इसी तरह वह कुल मिलकर 9 सालों तक जेल में रहे।

1928 में लाल बहादुर शास्त्री जी की शादी मिर्जापुर की रहने वाले गणेश प्रसाद की पुत्री ललिता से हुई, शादी में इन्होने दहेज़ लेने से इंकार कर दिया था, लेकिन उनके ससुर के बहुत जोर देने पर उन्होंने कुछ मीटर खादी का दहेज़ लिया।

लाल बहादुर शास्त्री जी को शस्त्री की उपाधि काशी विद्यापीठ से मिली थी, वह जात पात के खिलाप थे और इसी कारण वह अपने नाम के पीछे जात नहीं लगते थे।

लाल बहादुर शास्त्री और ललिता की छः संताने हुई जिसमे उनकी दो बेटियां कुसुम सुमन और चार बेटे हरिकृष्ण, सुनील अनिल और अशोक हुए, इनके बेटे अनिल शास्त्री जो की अभी कांग्रेस पार्टी के बरिष्ठ नेता है और सुनील शास्त्री भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ चुके है।

उनके जीवन से जुड़े बहुत से किस्से है एक बार की बात है लाल बहादुर शास्त्री जी जेल में थे तो उनकी पत्नी चुपके से दो आम छिपाकर जेल के अन्दर ले गयी और उन्होंने शास्त्री जी को दिया तो इस पर शास्त्री जी खुस होने की वजाय उन्होंने यहाँ कहा की कैदियों को जेल के बहार की कोई भी चीज खाना कानून के खिलाफ है।

एक बार जब वह जेल में थे उनकी बीमार बेटी को मिलने केलिए उन्हें 15 दिन की परोल पर छोड़ा गया था, लेकिन इसी बिच उनकी बेटी का निधन हो गया, और वह अपनी परोल की अवधि पूरा होने से पहले ही जेल वापस चले गए।

लाल बहादुर शास्त्री जी का प्रधानमंत्री बनने तक का सफ़र

भारत के आजाद होने के बाद इनकी नियुक्ति उत्तरप्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में हुई, इसके बाद यह देश के चौथे गृहमंत्री रहे पंडित गोविन्द बलभ पन्त के मंत्रिमंडल में शामिल हुए और यहाँ इनके पास पुलिस एव परिवहन मंत्रालय सौंपा गया, इसी दौरान इन्होने भीड़ को तितर बितर करने केलिए लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग करने को कहा।

1951 में जवाहर लाल नेहरु के निर्तत्व में इन्हें अखिल भारत कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया, इसके बाद 1964 में पंडित जवाहर लाल नेहरु के कार्यकाल के दौरान मृत्यु होने के बाद लाल बहादुर शास्त्री जी ने प्रधानमंत्री का पद भर ग्रहण किया।

1964 में लाल बहादुर शास्त्री जी देश के प्रधानमंत्री बने इससे पहले वह गृह मंत्री, रेल मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य एक उद्योग मंत्री भी रह चुके थे।

1965 में भारत पाकिस्तान के युद्ध के दौरान जब लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री थे तो देश में इस दौरान भयंकर सुखा पड़ा, तब लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश वाशियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की थी, और इसी दौरान होने जय जवान जय किसान का नारा दिया इस दौरान वह अपनी तनख्वाह भी नहीं लिया करते थे।

लाल बहादुर शास्त्री की हत्या कैसे हुई?

1965 के दौरान जब भारत पाकिस्तान का युद्ध चल रहा था तो युद्ध को खत्म करने के उद्देश से लाल बहादुर शास्त्री जी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए ताशकंद जो की अब उज्बेकिस्तान की राजधानी है में गए थे, लेकिन इसके ठीक एक दिन बाद यानि की 10 जनवरी 1966 को यह खबर आई है कि हार्ट अटैक के कारण उनकी मृत्यु हो गयी है।

आज भी इस बात पर संदेह है, क्योंकि इससे जुडी कोई भी सार्वजानिक फाइल अभी तक सरकार ने उनके परिवार को नहीं दी, और उनके परिवार ने हाल ही में यह मांग सरकार से की थी। इसलिए इनकी मृत्यु कैसे हुई इस पर आज भी सवाल उठते है।

लाल बहादुर शास्त्री का समाधि स्थल का नाम क्या है?

लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत के बाद उनका शरीर दिल्ली स्थित राज घाट लाल बहादुर शास्त्री जी का समाधी स्थल है।

Leave a Comment