हिन्दू धर्म की जानकारी हिंदी में ( Hindu Dharm History In Hindi ) – हिन्दू धर्म विश्व का सबसे बड़ा धर्म है, जो एक भरतीय धर्म है, हिन्दू धर्म की जानकारी के लिए कोई पुस्तक तो नहीं लिखी गयी है लेकिन इसका पूरा उल्लेख अलग अलग पुस्तकों से मिलती है और सभी पुस्तकों से मिली जानकारी के आधार पर ही हिन्दू धर्म की जानकारी मिल पाई है.
हमारे इस चिंतन को भारत के सर्वोतम न्यायलय ने भी सन 1995 में अपने एक निर्णय में पुष्ट किया है धर्म शब्द न तो अंग्रेजी रिलिजन शब्द का प्राय है और न ही सम्प्रदाय का. यह माननीय मूल्यों का व्यवहार दर्शन है.
हिन्दू धर्म की मान्यता केवल इतनी ही नहीं है की यह एक धर्म है बल्कि मानव के जीवन को एक सकारात्मक पहलु, संस्कार, संस्कृति, दान, क्षमा आदि देना भी हिन्दू धर्म का एक पहलु है और अपने जीवन के कुछ करने, सफलता पाने के लिए यह सभी कितना महत्व रखते है इसकी जानकारी किसी से छुपी नहीं है.
- सिन्धु के उधगम से समुद्र पर्यन्त जो भारत भूमि है उसे जो पितृ भूमि तथा पुण्य भूमि मानता है वह हिन्दू है ( विनायक दामोदर सावरकर )
- हिन्दू न दुर्जन होता है न अनार्य होता है और न ही निंदक होता है वह सदधर्म का पालन करने वाला विद्वान और श्रोत-धर्म में निरत होता है. (रामकोष )
हिन्दू धर्म की जानकारी हिंदी में : Hindu Dharm History In Hindi
हिन्दू धर्म का उलेख सबसे प्रचीन पुस्तक ऋग्वेद में मिलता है. ऋग्वेद के बाद ही अन्य वेदों के रचना हुई थी. हिन्दू धर्म को प्राचीन काल में सनातन धर्म के नाम से जाना जाता था. जिसका अर्थ है हमेशा रहने वाला सत्य. भारत में सबसे पहले हिन्दू धर्म ही उजागर हुआ था. हिन्दू धर्म का उलेख कोई एक किताब से नहीं बल्कि बहुत सारी किताबों में मिलता है.
हिन्दू धर्म की उत्पति वेदों की उत्पति से बहुत पहली हुई थी क्योंकि हमें हिन्दू धर्म की जानकारी ऋग्वेद में भी मिली है, और और इस समय न ही कोई सिख धर्म, मुशलिम धर्म, इसाई धर्म की उत्पति हुई थी, हिन्दू धर्म की उत्पति लगभग ईसा से 13 हजार वर्ष पूर्व हुई थी.
हिन्दू धर्म के संस्थापक –
वेदों में हिन्दू धर्म के संस्थापक का कोई उलेख नहीं है इस धर्म के उत्पति कैंसे हुई इसका भी कोई तथ्य नहीं है. ऋषि-मुनियों ने ही हिन्दू धर्म का प्रचार-प्रसार किया था. धर्म शास्त्रियो के अनुसार तो हिन्दू धर्म के संस्थापक विष्णु भगवान को माना जाता है लेकिन हिन्दू धर्म की पुनः स्थापना करने का श्रेय तो आदि गुरु शंकराचार्य को जाता है और इसके बाद ऋषि मुनियों के द्वारा ही हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार किया गया.
हिन्दू धर्म में जातियां
हिन्दू धर्म एक है लेकिन इसमें जातियों के आधार पर लोग आपस में अलग अलग है और इन जातियों को भाषा, खान पान, स्थान, रहन सहन आदि के आधार पर बांटा गया है. जाति के आधार पर यदि हिन्दू धर्म को देखा जाये तो प्राचीन हिन्दू धर्म में और आधुनिक हिन्दू धर्म में बहुत अंतर देखने को मिलता है.
यदि देश का भ्रमण किया जाये तो हमें अलग अलग जाती के बहुत से लोग मिल जायेंगे और इनकी संख्या इतनी होगी की इनको याद रख पाना संभव ही नहीं होगा.
हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता
हिन्दू धर्म सबसे बड़ा धर्म होने के साथ साथ इसमें आस्था रखने वालों की बहुत बड़ी संख्या में लोग है, और इस बात को तो पूरा संसार भी जानता है की हिन्दू धर्म के लोग देवताओं या भगवान के प्रति कितनी आस्था रखते है.
हिन्दू धर्म के प्रमुख तथ्य –
- हिन्दू धर्म विश्व का तीसरे नम्बर का सबसे बड़ा धर्म है.
- हिन्दू धर्म का उलेख विश्व के सबसे प्रचीन और सबसे बड़े वेद ऋग्वेद से मिलता है.
- हिन्दू धर्म में 108 को पवित्र नंबर माना जाता है इसी करना 108 दाने की माला जपने का नियम है.
- धर्म शास्त्रियों के अनुसार हिन्दू धर्म का संस्थापक ब्रह्मा जी को माना जाता है
- श्री आदि शंकराचार्य द्वारा हिन्दू धर्म की पुनः स्थापना की गई थी.
- हिन्दू धर्म का कोई धर्म शास्त्र नहीं है यह बहुत सारी किताबों से मिलकर एक धार्मिक आधार प्रदान करता है.
- हिन्दू धर्म में गाय को सबसे पवित्र माना जाता है.
- हिन्दू धर्म में दया, अहिंसा, जप, तप, क्षमा, दान आदि को महत्त्व दिया गया है.
- हिन्दू धर्म में जल, हवा, अग्नि, आकाश और पृथ्वी को पंचामृत माना गया है क्योंकि इनके बिना जीवन कुछ नहीं है, और इन 5 तत्वों को सभी के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान होता है.
यह बाते ही हिन्दू धर्म को अन्य धर्म से अलग बनती है हिन्दू धर्म पुरे विश्व में श्रेष्ट है.
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