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गुडी पडवा का पर्व क्यों मनाया जाता है ( Gudi Padwa In Hindi )

Gudi Padwa In Hindi : भारत में चैत्र नवरात्री की शुक्ल प्रतिप्रदा को महाराष्ट्र में हिन्दुओं के द्वारा गुडी पडवा पर्व के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व प्रतिवर्ष 6 अप्रैल को बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है. गुडी का मतलब होता है विजय पताका या झंडे से होता है जबकि पडवा शब्द का मतलब प्रतिप्रदा के रूप में होता है. यह पर्व चैत्र नवरात्रि के पहले दिन को ही मनाया जाता है, इस पर्व पर घरों को फूलों, रंगोली की सहायता से सजाया जाता है.Gudi Padwa In Hindi

चैत्रमास की शुक्ल प्रतिपदा का यह दिन हिन्दुओं के नववर्ष (नए साल ) का पहला दिन होता है, हिन्दुओं के नए साल के इस पहले दिन को महाराष्ट्र में गुडी पडवा के रूप में मनाया जाता है, जिसमे लोग गुडी को सजाते है, उतरभारत में यह पर्व नवरात्री के रूप में मनाया जाता है, उतर भारत में इस दिन को नवरात्री के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है, और यह नवरात्री का पर्व माँ दुर्गा के 9 रूपों के पूजा 9 दिनों तक कर मनाया जाता है.

कर्णाटक, आंध्रप्रदेश और अन्य दक्षिणी भारतीय राज्यों में यह पर्व उगादी (Ugadi) के नाम से जाना जाता है, यहाँ इस पर्व को नए वर्ष के आगमन के साथ साथ किसानों की नयी फसल आने की ख़ुशी में भी मनाया जाता है.

Gudi Padwa का पर्व मनाये जाने का महत्त्व / Importance of Gudi Padwa Festival

चैत्रमास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाये जाने वाले गुडी पडवा के पर्व का सभी हिन्दुओं के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इसी तिथि की शुरुआत के साथ भास्कराचार्य जी के द्वारा दिन, महीने और वर्ष की गणना करने के लिए हिन्दू पंचांग बनाया गया था. इस पर्व की यह मान्यताएं भी है की इस दिन ही भगवान् ब्रह्मा ने श्रृष्टि की रचना की थी.

आंध्रप्रदेश में इस पर्व पर विशेष प्रकार के प्रसाद को बनाया जाता है, जिसे पच्चड़ी कहा जाता है, और यह भी मान्यता है की जो व्यक्ति इस प्रसाद को दिन भर बिना कुछ खाए पिए ग्रहण करता है तो, वह एक अपने जीवन में सदैव स्वस्थ रहता है.

गुडी पडवा पर्व की कुछ रोचक बाते –

  • प्रतिवर्ष चैत्रमास की शुक्ल प्रतिप्रदा के दिन मनाये जाने वाले इस पर को महाराष्ट्र में गुडी पडवा, आंध्रप्रदेश, कर्णाटक व दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में उगादी, और उतर भारत में इसे नवरात्री के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है.
  • इस पर्व पर महाराष्ट्र में प्रसाद के रूप में पूरन पोली, दक्षिण भारत में पच्चड़ी, और उतर भारत में नवरात्री के पर्व में 9 दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा की जाती है जिसमे 9 प्रकार के प्रसाद, घी, शक्कर, खीर, मालपुए, केला, शहद, गुड, नारियल, तिल का भोग लगाया जाता है.
  • इस पर्व पर दक्षिण भारत में यह मान्यता भी है की इस दिन को ही भगवान राम ने राजा बलि का वध कर लोगो को राजा बलि के शासन से मुक्त किया था. जिस कारण इस दिन को विजय पताका फहराई जाती है.
  •  महाराष्ट्र में इस दिन लोग अपने घर के आंगन में विजय पताका खड़ी करते है.

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