Education – Knowledge Hindi Me https://www.knowledgehindime.com KnowledgeHindiMe - is Blog par aapko Biography, Special Day, Festival, Education, Motivation ki jaankari Hindi me di jati hai. Fri, 27 Aug 2021 18:00:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://i0.wp.com/www.knowledgehindime.com/wp-content/uploads/2021/05/cropped-knowledge.png?fit=32%2C32&ssl=1 Education – Knowledge Hindi Me https://www.knowledgehindime.com 32 32 163273285 राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है – National Sports Day In Hindi https://www.knowledgehindime.com/national-sports-day-hindi/ https://www.knowledgehindime.com/national-sports-day-hindi/#respond Thu, 26 Aug 2021 18:30:00 +0000 http://knowledgehindime.com/2018/08/29-%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%af-%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%b2-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%b8/ Read more]]> Khel Divas Kab Manaya Jata Hai : प्रतिवर्ष 29 अगस्त को हॉकी के महान खिलाडी मेजर ध्यान चन्द्र / Major Dhyan Chand के जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस / National Sports Day के रूप में मनाया जाता है।Khel Divas Kab Manaya Jata Hai

देश को स्वर्ण दिलाने के साथ साथ मेजर ध्यान चन्द्र को हॉकी का महान जादूगर भी कहा जाता है क्योंकि इन्होने हॉकी को नई ऊंचाई तक भी पहुँचाने में अपना योगदान दिया था।

पूरा विश्व खेल दिवस मनाता है लेकिन सभी देशों के खेल दिवस मनाये जाने का इतिहास और तरीकें भी अलग है, और इसी तरह से भारत का भी राष्ट्रीय खेल दिवस मनाये जाने का अपना एक इतिहास है, तो चलिए जानते है हम अपने राष्ट्रीय खेल दिवस के बारे में –

राष्ट्रीय खेल दिवस हिंदी में / National Sports Day In Hindi

इस दिन खेल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडिओं को राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति जी के द्वारा राजीव गाँधी खेल रत्न, ध्यानचन्द्र पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार के साथ साथ अन्य राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

इस दिन पर खिलाडियों के साथ साथ खिलाडिओं को दिशा निर्देश देने वाले कोचों को भी पुरुस्कार और सम्मान दिया जाता है, क्योंकि खिलाडियों के पीछे उनकी मेहनत के आलावा उनके कोच का हाथ भी होता है। कोचों को दिए जाने वाले पुरुस्कार में द्रोणाचार्य पुरुस्कार एक महत्पूर्ण पुरुस्कार है।

इस दिन स्कूलों, कॉलेज के द्वारा खेल प्रतियोगिता रखी जाती है जिसमे छात्र भाग लेते है। स्कूलों में सभी बच्चों के द्वारा खेल कूद में में भाग लिए जाता है व स्कूल के द्वारा विजेताओं की घोषणा कर उन्हें इनाम दिया जाता है। स्कूलों में बच्चों के लिए जितनी जरूरी पढाई होती है उतनी ही जरूरी खेल कूद भी है।

भारत सरकार के द्वारा 2012 में मेजर ध्यानचन्द्र के जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस / National Sports Day के रूप में मनाया जाने का फैसला लिया गया था। मेजर ध्यान चन्द्र को “हॉकी का जादूगर” कहा जाता था जिन्होंने अपने हॉकी कैरियर में 1000 से भी अधिक गोल किये थे।

दुनिया के सबसे बेहतरीन हॉकी खिलाडीयों में से एक मेजर ध्यानचन्द्र के सम्मान में दिल्ली में बनाये गए स्टेडियम को ध्यानचन्द्र नेशनल स्टेडियम नाम दिया गया और इस स्टेडियम में हॉकी के खेल करवाए जाते है। राष्ट्रीय खेल दिवस मेजर ध्यानचन्द्र के जन्म दिन के साथ साथ खेल के प्रति युवाओं को प्रोत्साहन देने का भी उद्देश्य रखता है। Khel Divas Kab Manaya Jata Hai

खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला राजीव गाँधी खेल रत्न का नाम अब बदलकर ध्यानचन्द्र खेल रत्न कर दिया गया है जिसका ऐलान 6 अगस्त 2021 को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किया गया, इनके नाम पर इस खेल रत्न का नाम किये जाने के लिए जनता ने सरकार से अनुरोध किया था।

मेजर ध्यानचन्द्र / Major Dhyan Chand

मेजर ध्यानचन्द्र का जन्म इलाहाबाद उत्तरप्रदेश में 29 अगस्त 1905 को हुआ था. यह 16 वर्ष की उम्र में सेना में भर्ती हुए थे और यहाँ से ये अपनी मेहनत और कोच के दिए गए शिक्षण से भारतीय हॉकी टीम में कप्तान बने।

हॉकी में अच्छे प्रदर्शन से इनका सेना में प्रोमोशन होता गया और इन्हें सेना में कमीशन ऑफिसर के तहत मेजर के पद का सम्मान दिया गया।

अपने हॉकी करियर में इन्होने भारत को 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक खेलों में 3 स्वर्ण पदक दिलाये और यह एक मात्र ऐंसे हॉकी खिलाडी है जिन्हें देश का तीसरा सबसे बड़ा सिविलियन पुरस्कार पदम् भूषण से सम्मानित किया गया था।

हॉकी में अपना जादू चलने वाले मेजर ध्यान चंद को तहनाश रुडोल्फ हिटलर ने भी जर्मनी के ओर से खेलने की पेशकश की थी। हॉकी से सन्यास लेने के बाद भी ये हॉकी से कोच के रूप में जुड़े रहे जिसमे इन्होने राष्ट्रीय खेल संस्थान पटियाल में मुख्य कोच के रूप में काम किया। इन्होने अपनी आत्मकथा “गोल” में लिखा था की आपको यह मालूम होना चाहिए की मैं एक साधारण इन्सान हूँ।

प्रश्न.1- Rashtriya Khel Divas Kab Manaya Jata Hai?

उत्तर- प्रतिवर्ष मेजर ध्यानचन्द्र जी के जन्म दिवस यानि की 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है

प्रश्न.2- राष्ट्रीय खेल दिवस किसकी याद में मनाया जाता है ?

उत्तर- मेजर ध्यान चन्द्र / Major Dhyan Chand की याद में

प्रश्न.3- राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत कब हुई ?

उत्तर- 2012 से

हमें अपने भारत के सभी खिलाडियों पर पूरा गर्व होना चाहिए क्योंकि हमारी इस जमींन में ऐंसे बहुत से खिलाडीयों का जन्म हुआ जिन्होंने पुरे विश्व में हमारे देश का नाम रोशन किया और इसके चलते हमारी पुरे विश्व  एक अलग पहचान बनी, साथ ही यह सब देश के युवाओं को प्रेरित करने के लिए भी बहुत अहम् रहे

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कैसे भारत को मिला अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाये जाने का श्रेय https://www.knowledgehindime.com/international-yoga-day-hindi/ https://www.knowledgehindime.com/international-yoga-day-hindi/#comments Sun, 20 Jun 2021 18:30:00 +0000 http://knowledgehindime.com/2018/06/21-jun-%e0%a4%85%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%af-%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b5/ Read more]]> 21 Jun : अंतराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) : योग की बात करे तो इसमें भारत का नाम जरूर आता है और आये भी क्यों नहीं क्योंकि भारत ने ही तो पूरी मानव जाति के लिए योग की क्या अहमियत है पुरे विश्व को बताई।

21 Jun का दिन पुरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है सबसे पहला अंतराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था और इसे पुरे विश्व में लागु करने का श्रेय भी भारत को जाता है।

सयुंक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की सभा में 27 सितम्बर 2014 को भाषण में दौरान माननीय प्रधामंत्री नरेद्र मोदी के द्वारा अंतराष्ट्रीय योग दिवस को मानाने का प्रस्ताव रखा गया, इसके लगभग 3 महीने बाद इस प्रस्ताव को पास करने के लिए 193 देशों में से 177 देशो के समर्थन मिलने पर इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी।अंतराष्ट्रीय-योग-दिवस-2021
मनुष्य के जीवन में योग एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि योग मानव शारीर को शारीरिक रूप से निरोग और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने के लिए सहायक है। योग से जीवन में एक आनंद की प्राप्ति की जा सकती है और यह मानसिक शांति प्रदान करता है।

योग बूढ़े व्यक्ति से लेकर बच्चे तक, महिला से लेकर, पुरूष तक सभी के लिए सामान और असरदार है। हर किसी को अपने जीवन को निरोग रखने के लिए इसकी जरूरत है।

क्या है योग ?

योग शरीर मन और आत्मा को एक साथ लाने की प्रक्रिया को कहा जाता है और इसके लिए ध्यान लगाने की जरूरत होती है। योग संस्कृत भाषा के शब्द “यूज” से आया है जिसका अर्थ है “आत्मा का चेतना से मिलन”।

योग के प्रमाण सिन्धु घाटी की सभ्यता में भी मिलता है क्योंकि इस काल में योग की मुद्रा में मुर्तिया मिली है। योग की उत्पति बहुत पहले हो चुकी थी लेकिन पहले इसका प्रचार और ज्ञान ना होने के कारण यह लोगों के अस्तिव में नहीं आ पाया।

योग को बढावा और इसका प्रचार प्रसार का श्रेय योग गुरु रामदेव बाबा को भी जाता है जिन्होंने योग को भारत ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में पहचान दिलाई और इन्ही के कारण आज सभी लोग अपने जीवन में योग के महत्व को जान पाए है इन्होने योग से ही देश में बहुत लोगों को निरोग किया है और इनसे ही बहुत से लोगों को योग करने की प्रेरणा मिलती है।

21 Jun को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाये जाने के पीछे क्या कारण है

21 जून का दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है क्योंकि इस दिन सूर्य उतरी गोलार्ध से दक्षिणी गोलार्ध की और चलना शुरू करता है। इस दिन को ग्रीष्म सक्रांति के रूप में भी जाना जाता है और यह दिन परिवर्तन लाने के लिए सही दिन भी है।

भारत में मनाये गए अब तक के अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

  • 21 जून 2015 का अंतराष्ट्रीय योग दिवस दिल्ली में मनाया गया था जिसमे नरेन्द्र मोदी जी के साथ 35 हजार से भी अधिक लोगों ने भाग लिया था। इस दिन को विश्व के 84 देशो ने भी योग दिवस को मनाया था।
  • 2016 का अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस चंडीगढ़ में मनाया गया था। अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 2016 की थीम थी युवाओं को जोड़ने के लिए योग।
  • 2017 को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस अमहदाबाद में मनाया गया था और इसमें नरेन्द्र मोदी जी के साथ 1.5 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था। अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 2017 की थीम थी स्वास्थ्य के लिए योग।
  • 2018 का अंतराष्ट्रीय योग दिवस उत्तराखंड के देहरादून शहर में मनाया गया जिसका स्थान था F.R.I. Dehradun इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी 50 हजार लोगो के साथ योग किया था। अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 2018 की थीम थी शांति के लिए योग, इस योग दिवस में कुल 181 देशों ने भाग लिया था।

योग दिवस की थीम

प्रतिवर्ष योग दिवस को मनाये जाने के लिए एक थीम रखी जाती है जो की लोगो को योग दिवस मानाने के लिए एक सन्देश भी देती है तो आईये जानते है अंतराष्ट्रीय योग दिवस की थीम में बारे में –

  • 5वां योग दिवस 21 जून 2019 को रांची में हुआ जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जवानो और आम जनता से साथ मिलकर यह योग किया था। अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 2019 की थीम थी “Yoga for Heart” जिसका मतलब है ह्रदय के लिए योग।
  • साल 2020 को योग दिवस पर Covid-19 की परिस्तिथि को देखते हुए घर पर रहकर योग करने की सलाह लोगो को दी गयी, अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2020 की थीम थी “Yoga at Home and Yoga with Family” जिसका मतलब है घर पर रहते हुए अपने परिवार के साथ योग करना।
  • अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 2021 की थीम है “Yoga for wellness” जिसका मतलब है स्वास्थ्य के लिए योग।
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Uttarakhand Board Result 2020 कैसे देखे https://www.knowledgehindime.com/uttarakhand-board-result-kaise-dekhe/ https://www.knowledgehindime.com/uttarakhand-board-result-kaise-dekhe/#respond Sat, 13 Jun 2020 18:15:20 +0000 https://www.knowledgehindime.com/?p=1234 Read more]]> उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट कैसे देखे : प्रतिवर्ष उत्तराखंड बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन के द्वारा Class 10th और Class 12th की परीक्षाएं संपन्न करवाई जाती है, हर साल इस परीक्षा में लाखों विद्यार्थी परीक्षा देते है UK Board की इस परीक्षा को लगभग मार्च में करवाया जाता है वही इसका रिजल्ट मई तक घोषित कर दिया जाता है।

इस साल लगभग कक्षा 10 में डेढ़ लाख और कक्षा 12 में 1 लाख के लगभग विद्यार्थीयों ने परीक्षा दी थी पुरे उत्तराखंड में बोर्ड की परीक्षा को संपन्न करवाने के लिए 1324 परीक्षा केंद्र बनाये गए थे।उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट कैसे देखे

2020 में भी इस बोर्ड के द्वारा परीक्षा का आयोजन मार्च में करवाया गया था  कक्षा 10 की परीक्षा जहाँ 3 मार्च 2020 से शुरू होकर 25 मार्च 2020 तक संपन होनी थी वही कक्षा 12 की परीक्षा 2 मार्च 2020 से शुरू और 25 मार्च 2020 को संपन होनी थी लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लगाये गए लॉक डाउन के चलते कुछ परीक्षा को रोक दिया गया।

परीक्षा के पूरी तरह से संपन नहीं हो पाने के कारण अब जिस भी विषय की परीक्षा होनी बाकि है और उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर सभी इंतजार कर रहे है। बोर्ड की परीक्षा और रिजल्ट को लेकर बोर्ड जल्द ही कोई नया नोटिस जारी करेगा

उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट कैसे देखे

  • उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट देखने के लिए विद्यार्थियों को उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट पोर्टल http://uaresults.nic.in/ पर विजिट करना होगा।
  • परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद वेबसाइट पर High School और Intermediate के column दिखाई देंगे।
  • आप जिस भी कक्षा का रिजल्ट देख रहे है उस Section में आप रोल नंबर Enter करे।
  • इसके बाद आपको Captcha code को बॉक्स में fill करना है।
  • आप प्रिंट पर क्लिक कर अपने रिजल्ट को प्रिंट कर सकते है और डाउनलोड भी कर सकते है।

महत्वपूर्ण जानकारी:

  • बोर्ड का नाम – बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन उत्तराखंड
  • बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट – ubse.uk.gov.in
  • रिजल्ट पोर्टल – http://uaresults.nic.in/
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Winter Northern Hemisphere/ शीतकालीन (उत्तरी गोलार्ध) https://www.knowledgehindime.com/winter-northern-hemisphere/ https://www.knowledgehindime.com/winter-northern-hemisphere/#respond Sat, 21 Dec 2019 18:38:54 +0000 https://www.knowledgehindime.com/?p=1056 Read more]]> विंटर सीजन – शीतकालीन (उत्तरी गोलार्ध) : पृथ्वी शनिवार की रात (21 दिसंबर) को एक विशेष अवसर का जश्न मनाएगी, क्योंकि उत्तरी गोलार्ध में दिसंबर संक्रांति आधिकारिक तौर पर खगोलीय सर्दियों की शुरुआत होगी। इस बीच, दक्षिणी गोलार्ध गर्मियों की शुरुआत को चिह्नित करेगा। यह उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों का पहला खगोलीय दिन और साल का सबसे छोटा दिन है।

इस बिंदु पर, सूर्य सीधे अक्षांश पर है जिसे मकर रेखा के रूप में जाना जाता है। यह सबसे दूर दक्षिण में है। उत्तर की ओर, रात सबसे लंबी होगी , जबकि भूमध्य रेखा के दक्षिण में, लोगों ने वर्ष के अपने सबसे लंबे दिन का अनुभव किया होगा।

 विंटर सीजन – शीतकालीन (उत्तरी गोलार्ध)

शनिवार की शीतकालीन संक्रांति के बाद, उत्तर में दिन की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ेगी। फिर, जब जून के अंत में गर्मियों के संक्रांति तक पहुंचने के लिए उत्तरी गोलार्ध की बारी होती है , तो दिन के उजाले में धीरे-धीरे कम हो जाता है और प्रक्रिया नए सिरे से शुरू होती है। जून संक्रांति के दौरान, सूरज उतना ही उत्तर में है जितना कि वह मिल सकता है,  विंटर सीजन –  शीतकालीन (उत्तरी गोलार्ध)

संक्रांति और मौसमी परिवर्तन पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण होते हैं, जो गोलार्द्धों को ग्रह के चारों ओर सूर्य की तारे के चारों ओर यात्रा का सामना करने का कारण बनता है।

यही कारण है कि ध्रुव जितने अधिक घर्षण वाले होते हैं – उनके चरम अक्षांशों का मतलब है कि सूर्य कभी भी सीधे उपरि नहीं हो सकता है।

खगोलीय कैलेंडर में सर्दियों की शुरुआत और अंत की तारीखें सूर्य के संबंध में पृथ्वी की बदलती स्थिति और इसके परिणामस्वरूप विषुव और संक्रांति की सौर घटनाओं पर आधारित होती हैं। उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु के अंत और सर्दियों की शुरुआत दिसंबर संक्रांति के समय होती है, जो हर साल 20 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच होती है।

सर्दियों का अंत और वसंत मार्च के विषुव के क्षण में शुरू होता है , जो हर साल 19 मार्च से मार्च के बीच होता है। 21. दक्षिणी गोलार्ध में सर्दियों में जून संक्रांति (20 से 22 जून) से सितंबर विषुव (21 से 23 सितंबर) तक रहता है।

शीतकालीन संक्रांति का दिन वर्ष का सबसे छोटा दिन होता है, जिसका अर्थ है कि यह वह दिन है जिसमें हम दिन की कम से कम मात्रा का अनुभव करते हैं। तार्किक रूप से, यह मानकर चलना होगा कि यह वर्ष का सबसे ठंडा दिन भी है, क्योंकि हम किसी अन्य समय की तुलना में इस दिन कम गर्मी देने वाली धूप के संपर्क में हैं। पर ये सच नहीं है। विंटर सीजन- शीतकालीन (उत्तरी गोलार्ध)

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अपोलो ११ स्पेस मिशन – चन्द्रमा पर इन्सान भेजने का पहला मिशन https://www.knowledgehindime.com/%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%8b-%e0%a5%a7%e0%a5%a7-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a4%a8/ https://www.knowledgehindime.com/%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%8b-%e0%a5%a7%e0%a5%a7-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a4%a8/#respond Thu, 18 Jul 2019 17:25:26 +0000 https://www.knowledgehindime.com/?p=825 Read more]]> अपोलो ११ स्पेस मिशन / Apollo 11 Space Mission : आज से ठीक पचास साल पहले संयुक्त राज्य अमेरिका ने चन्द्रमा पर सबसे पहले इन्सान भेजने के मिशन में सफलता पाई थी, जिसमे तीन अन्तरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और ऐडविन ऐल्ड्रिन, माइकल कॉलिन्स को चन्द्रमा पर भेजा गया था, और इस मिशन को पूरा करने के लिए अपोलो 11 अन्तरिक्ष यान को उपयोग में लाया गया था।अपोलो ११ स्पेस मिशन Apollo 11 Space Mission

चन्द्रमा पर इंसान भेजने के लिए इस मिशन को अमेरिकी अन्तरिक्ष अनुसंधान संस्था “नासा “ की अहम भूमिका थी। 10 जुलाई 1969 को 20:17:39  पर चन्द्रमा पर अपोलो 11 ने सफल तीनो यात्रियों को लेकर पहुंचा, और नील आर्मस्ट्रांग को चन्द्रमा पर सबसे पहले पैर रखने वाले इन्सान की ख्याति प्राप्त हुई। यह मिसन अन्तरिक्ष अनुसधान और मानव इतिहास के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।

चन्द्रमा पर इन्सान भेजने के लिए उस समय अमेरिका को बहुत खर्चा करना पड़ा था, लेकिन अमेरिका के पास इस मिशन में इतनी जानकारी नहीं मिल पाई जो उसके काम आ सकती थी।

अपोलो ११ स्पेस मिशन / Apollo 11 Space Mission

16 जुलाई 1969 को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अपोलो 11 ने अपनी उड़ान भरी थी, इस अन्तरिक्ष यान में केवल तीन यात्री भेजे गए थे, जिसमे नील आर्मस्ट्रांग कमांडर, ऐल्ड्रिन लुनार माड्यूल पायलट और माइकल कॉलिन्स कमांड मॉड्युल पायलट थे।

चन्द्रमा की नजदीक पहुँच कर कॉलिन्स सर्विस मॉड्युल जिस पर सभी यात्रीयों को पृथ्वी पर वापस आना था, से चंद्र मॉड्यूल जिसे ईगल नाम दिया गया था से अलग हुआ।

चंद्र मॉड्यूल ईगल (Lunar module eagle) में नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन थे जो रात की 1 बजकर 47 मिनट पर चन्द्रमा के शांति सागर मैदान (Sea of ​​tranquility) में उतरे थे। इस चंद्र मॉड्यूल ईगल (Lunar module eagle) पर केवल 2 लोग ही रह सकते थे। कॉलिन्स सर्विस मॉड्युल जिसकी देखरेख माइकल कॉलिन्स कर रहे थे, चंद्र मॉड्यूल ईगल (Lunar module eagle) उनसे लगभग 96 किलोमीटर दूर था।

चंद्रमा की सतह के रास्ते के साथ, आर्मस्ट्रांग और एल्ड्रिन ने पृथ्वी के साथ रेडियो संपर्क खो दिया, ऑनबोर्ड कंप्यूटर ने अपरिचित त्रुटि कोड दिखाए, और ईंधन कम हो गया था। उन्होंने 20 जुलाई, 1969 को “सी ऑफ ट्रानक्विलिटी” नाम से डब किए गए गड्ढे पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए मॉड्यूल को सफलतापूर्वक चलाया।

चन्द्रमा की सतह पर सबसे पहले पैर रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग ने कहा यहाँ की सतह बहुत कठोर है, आसपास बहुत बड़े पत्थर है, और यहाँ की मिटटी रेगिस्तान के जैसे है, एडविन एल्ड्रिन ने कहा हमारे सामने की चट्टानें बैंगनी रंग की दिख रही है, जो सूर्य के प्रकाश में चमक रही थी।

चंद्र मॉड्यूल ईगल के साथ 13 मिनट की इस यात्रा में चन्द्रमा पर 4 दिन तक रहते हुए नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन ने चन्द्रमा पर मिटटी, चट्टान के नमूने लिए, 24 जुलाई को तीनो अन्तरिक्ष यात्री चाँद के नमूने जिसका कुल वजन 21.5 किलो था के साथ पृथ्वी पर प्रशांत महासागर में उतरे।

नासा के द्वारा चन्द्रमा पर इन्सान को भेजे जाने के लिए इस प्रोजेक्ट में कुल मिलाकर 400,000 लोगो की एक टीम ने इसमें काम किया जिसमे दुनिया भर के वैज्ञानिको के साथ अन्तरिक्ष में भेजे गए तीनो यात्री भी शामिल थे।

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हाउ तो वोट #इंडिया / how to vote #India : जानिए वोट देने की प्रिक्रिया क्या है https://www.knowledgehindime.com/how-to-vote-india/ https://www.knowledgehindime.com/how-to-vote-india/#respond Wed, 10 Apr 2019 19:45:07 +0000 https://www.knowledgehindime.com/?p=599 Read more]]> हाउ तो वोट #इंडिया : जानिए वोट देने की प्रिक्रिया क्या है – आज के दिन भारत में वोट प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सभी नागरिक अपने पसंद के नेता को वोट देंगे इसमें से बहुत से लोग पहले वोट दे चुके होंगे और बहुत से लोग इस बार पहले बार वोट देंगे यदि आप भी पहली बार वोट दे रहे है तो आपके लिए हमारी और से एक छोटी से मदद है जिसकी सहायता से आपको क्या करना है की जानकारी आपको मिल जाएगी.हाउ तो वोट #इंडिया / how to vote #India

आप अपना वोट तभी दे सकते हैं जब आपका नाम वोटर लिस्ट (जिसे इलेक्टोरल रोल के नाम से भी जाना जाता है) में दिखाई दे। मतदाता मतदान बूथों, चुनाव वाले उम्मीदवारों, चुनाव तिथियों और समय, पहचान पत्रों और ईवीएम पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हाउ तो वोट #इंडिया  : मतदान बूथ पर मतदान प्रक्रिया

  1. पहले मतदान अधिकारी मतदाता सूची में अपना नाम देखिये और अपना आईडी प्रूफ चेक करेंगे
  2. दूसरा मतदान अधिकारी आपकी उंगली पर चेक करेगा की आपने वोट दिया है या नहीं यदि नहीं दिया है तो आपकी ऊँगली पर निशान लगाया जायेगा.
  3. इसके बाद आपको एक पर्ची दी जाएगी और एक रजिस्टर उस पर अपना हस्ताक्षर करेगा (फॉर्म 17A)
  4. आपको तीसरे मतदान अधिकारी को पर्ची जमा करनी होगी और अपनी स्याही लगी हुई उंगली दिखानी होगी और फिर मतदान केंद्र तक जाना होगा
  5. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के प्रतीक के विपरीत मतपत्र बटन दबाकर अपना वोट रिकॉर्ड करें; आपको बीप की आवाज सुनाई देगी
  6. VVPAT मशीन की पारदर्शी विंडो में दिखाई देने वाली पर्ची की जाँच करें। सीलबंद VVPAT बॉक्स में गिरने से पहले कैंडिडेट के सीरियल नंबर, नाम और सिंबल के साथ पर्ची 7 सेकंड के लिए दिखाई देगी।
  7. यदि आप किसी भी उम्मीदवार को पसंद नहीं करते हैं, तो आप NOTA, उपरोक्त में से कोई भी दबा सकते हैं; यह ईवीएम पर अंतिम बटन है
  8. पोलिंग बूथ के अंदर मोबाइल फोन, कैमरा या कोई अन्य गैजेट ले जाने की अनुमति नहीं है।

मतदान करने के लिए पंजीकरण की आवश्यकताएं

आप मतदाता के रूप में नामांकन कर सकते हैं यदि आप:

  • एक भारतीय नागरिक हैं।
  • 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, जब मतदाता सूची के संशोधन के वर्ष की पहली तारीख यानी 1 जनवरी को।
  • आमतौर पर निर्वाचन क्षेत्र के उस भाग / मतदान क्षेत्र के निवासी हैं जहाँ आप नामांकित होना चाहते हैं।
  • एक निर्वाचक के रूप में नामांकित होने के लिए अयोग्य नहीं हैं।

मतदाता सूची / मतदाता सूची में नाम कैसे देखे

वोटर हेल्पलाइन 1950 पर कॉल करें (कृपया डायल करने से पहले अपना एसटीडी कोड जोड़ें)

एसएमएस <ECI> स्पेस <EPIC No> से 1950 तक (EPIC का मतलब इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड है, जिसे आमतौर पर वोटर आईडी कार्ड के रूप में भी जाना जाता है)। उदाहरण – यदि आपका ईपीआईसी 12345678 है तो एससीआई 12345678 से 1950 तक एसएमएस करें

मतदाता हेल्पलाइन एप डाउनलोड करें

आप वोटिंग बूथ में लगाई गयी लिस्ट में से भी अपना नाम देख सकते है.

वोट देने के लिए आपके पास होना चाहिए इनमे से कोई एक पहचान पात्र

मतदान के लिए मतदाता किसी भी मान्यता प्राप्त पहचान पत्र ले जा सकता है, ‘मतदाता पहचान पत्र’ अनिवार्य नहीं है:

  • EPIC (वोटर आईडी कार्ड)
  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • केंद्रीय / राज्य सरकार / पीएसयू / रिपब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोग्राफ के साथ सेवा पहचान पत्र
  • बैंक / डाकघर द्वारा जारी फोटोग्राफ वाली पासबुक
  • पैन कार्ड
  • एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
  • मनरेगा जॉब कार्ड (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी)
  • श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
  • तस्वीर के साथ पेंशन दस्तावेज
  • सांसदों / विधायकों / एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र
  • आधार कार्ड
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वर्ल्ड वाइड वेब का अविष्कार क्यों किया गया : World Wide Web In Hindi https://www.knowledgehindime.com/%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%a1-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a1-%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%ac/ https://www.knowledgehindime.com/%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%a1-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a1-%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%ac/#comments Mon, 11 Mar 2019 15:30:11 +0000 https://www.knowledgehindime.com/?p=532 Read more]]> वर्ल्ड वाइड वेब / World Wide Web : वह प्रत्येक यूजर जो इन्टरनेट का उपयोग करता होगा उसने कभी ना कभी WWW ( वर्ल्ड वाइड वेब ) का नाम सुना होगा, और इसका उपयोग भी किया होगा लेकिन क्या आपको यह पता है की वर्ल्ड वाइड वेब क्या है, इसका उपयोग क्यों किया जाता है, इसका क्या इतिहास है यह सब जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलने वाली है.वर्ल्ड वाइड वेब की 30 वीं वर्षगांठ : Anniversary of the World Wide Web

वर्ल्ड वाइड वेब : World Wide Web In Hindi

वर्ल्ड वाइड वेब का अविष्कार 33 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर सर टिम बर्नर्स-ली ने 1989 में की थी, इन्होने इसकी खोज “इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट: ए प्रपोजल” के प्रोजेक्ट के अंतर्गत की थी. शुरू में, बर्नर्स-ली ने “सर्न (स्विट्जरलैंड में एक बड़ी परमाणु भौतिकी प्रयोगशाला) में अपने सहयोगियों की मदद के लिए कई कंप्यूटरों में जानकारी साझा करने के लिए” टाइप “लिंक के साथ एक बड़े हाइपरटेक्स्ट डेटाबेस,” मेष “नाम दिया।

बर्नर्स-ली के बॉस ने उन्हें एक कामकाजी मॉडल में एचटीएमएल भाषा, एचटीटीपी एप्लिकेशन और वर्ल्डवाइडवेब.ऐप- पहला वेब ब्राउज़र और पेज एडिटर लिखने के लिए विनम्र फ्लोचार्ट विकसित करने का समय दिया।

वेब जल्द ही जीवन में क्रांति लाएगा क्योंकि हम इसे जानते हैं, सूचना युग में शुरुआत। आज, लगभग 2 बिलियन वेबसाइटें ऑनलाइन हैं। चाहे आप इसे ईमेल, होमवर्क, गेमिंग, या किसी भी जानकारी के लिए उपयोग करते हैं, संभावना है कि आप वेब के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते।

इंटरनेट से भ्रमित नहीं होना चाहिए, जो 1960 के दशक से विकसित हो रहा था, वर्ल्ड वाइड वेब एचटीएमएल भाषा, यूआरएल “पते,” और हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल या एचटीटीपी जैसे नवाचारों पर बनाया गया एक ऑनलाइन आवेदन है। वेब भी एक विकेन्द्रीकृत समुदाय बन गया है, जो सार्वभौमिकता, सर्वसम्मति और नीचे-ऊपर के डिजाइन के सिद्धांतों पर स्थापित है। वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम के सीईओ जेफ जैफ ने कहा, “बहुत कम नवाचार हैं जिन्होंने वास्तव में सब कुछ बदल दिया है।” “वेब हमारे समय का सबसे प्रभावशाली नवाचार है।”

आज हम जिस WWW वर्ल्ड वाइड वेब प्रणाली का उपयोग करते है वह पहले के मुकाबले बहुत बदल चुकी है लेकिन इसका श्रेय टीम बर्नर ली को ही जाता है क्योंकि उनके संभव प्रयाश से ही आज हम इस तकनीक का उपयोग कर आसानी से इन्टरनेट पर जानकारी तक पहुँच पा रहे है क्योंकि इस तकनीक ने इन्टरनेट पर डाटाबेस को खोज कर यूजर तक पहुंचाने के जिम्मा उठा रखा है.

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भारत में स्थित, विश्व में प्रथम / First in the world : सबसे बड़ा, ऊँचा जानिए क्या है https://www.knowledgehindime.com/first-in-the-world/ https://www.knowledgehindime.com/first-in-the-world/#respond Sun, 03 Feb 2019 17:48:03 +0000 https://www.knowledgehindime.com/first-in-the-world/ Read more]]>

भारत में स्थित, विश्व में प्रथम / First in the world : भारत में स्थित बहुत से स्थान, निर्माण ऐंसे भी है जो केवल भारत नहीं बल्कि विश्व में भी प्रथम स्थान रखते है. इसके साथ ही विश्व में प्रथम स्थान पर होने के आलावा इनका नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है.

भारत में स्थित, विश्व में प्रथम / First in the world

भारत में स्थित, विश्व में प्रथम / First in the world : सबसे बड़ा, ऊँचा

विश्व की सबसे ऊँची सड़क

विश्व की सबसे ऊँची सड़क जम्मू कश्मीर, लदाख से 230 km दूर स्थित चिसुम्ले और डेमचोक गावों को आपस में जोडती है. जिसकी लम्बाई 86 km तक है, इस सड़क का निर्माण 2017 में भारतीय सड़क संगठन (BRO) के द्वारा किया गया था. अधिक ऊंचाई में होने के कारण यहाँ तापमान भी परिस्तिथि के अनुकूल रहता है, जिस कारण यहाँ पर सड़क कार्य को करने में मानव ही नहीं बल्कि मशीनों पर भी तापमान का असर देखने को मिला था और इसके साथ ही बहुत सी परेशानी का सामना करने के बाद इस सड़क का निर्माण किया गया.

विश्व का सबसे बड़ा सड़क पुल

पटना हाजीपुर में स्थित गंगा नदी पर बनाया गया महात्मा गाँधी सेतु विश्व का सबसे बड़ा पुल है जिसे गंगा सेतु के नाम से भी जाना जाता है. इस पुल की लम्बाई 5.75 KM और चौड़ाई 25 m है, यह पुल 1972 से बनाना शुरू हुआ था और इस काम को 1982 में पूरा किया गया, इस पुल पर आवाजाही मई 1982 को शुरू हुई.

विश्व के सबसे ऊँची मीनार

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार विश्व की सबसे ऊँची मीनार है, जिसका निर्माण कुतबुद्दीन ऐवक के द्वारा शुरू किया गया था लेकिन कुतबुद्दीन ऐवक के द्वारा मीनार की केवल आधार ही बनवाई जा सकी, इसके बाद इल्तुतमिश के द्वारा इस कार्य को किया गया जिसमे इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिले जोड़ी व इसके बाद 1368 में फिरोजशाह तुगलक के द्वारा इसमें 4 और 5 मंजिल जोड़कर इसका निर्माण कार्य पूरा किया गया.

कुतुबमीनार के निर्माण का विचार कुतबुद्दीन ऐवक को अफगानिस्तान की जाम की मीनार को देख कर ही आया था और वह इससे ऊँची मीनार बनवाना चाहता था. कुतुबमीनार को यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर की श्रेणी में रखा गया है. इस मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर, व्यास 14.3 मीटर व इसकी अंतिम मंजिल का व्यास 2.75 मीटर है. इस मीनार में अन्दर की ओर से 371 सीढियाँ भी बनाई गई है.

विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा

भारत, बांग्लादेश सीमा पर स्थित पश्चमी बंगाल से लगा सुन्दरवन डेल्टा विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है. गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी की सहायता से बना यह डेल्टा 54 छोटे छोटे द्वीप से मिलकर बना है. यह डेल्टा सुन्दरवन राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है, जो हरे जंगलों, व वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है. सुंदरवन की यह खासियत भी है की यह सदाबहार हरा-भरा बना रहता है. यूनेस्को के द्वारा सुंदरवन को विश्व धरोहर में रखा गया है.

सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान

भारत स्थित मेघालय के पर्वतीय इलाकों में बसा मासिनराम विश्व की सबसे अधिक वर्षा होने वाला स्थान है, मासिनराम मेघालय स्थित एक गावं है जहाँ सालभर में औसतन 11871 मिलीलीटर की बारिश होती है, गिनीज बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड के अनुसार 1985 में मानिसराम में 26000 मिलीलीटर का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है. अधिक वर्षा होने के कारण यहाँ पर अधिक नमी होने का भी वर्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है.

सबसे बड़ा महाकाव्य

महाभारत हिन्दुओ का एक प्रमुख काव्य ग्रन्थ है, जिसके रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है. इस महाकाव्य में वेदों, उपनिषद, वेदांगों के गुप्त रहस्यों, शिक्षा, योगशास्त्र, धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, चिकित्सा युद्धनिति आदि का विस्तृत वर्णन मिलता है. महाभारत का निर्माण करने में वेद व्यास जी को 3 वर्ष तक का समय लग गया था.

सर्वाधिक निर्वाचक संख्या का देश

भारत विश्व की सर्वाधिक निर्वाचक संख्या वाला देश है, भारत की जनसंख्या 1,358,137,719 है. इस जनसंख्या के साथ ही भारत विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों की सूचि में दुसरे स्थान पर है, जिस कारण यहाँ मत देने वालों की संख्या भी अधिक है.

सबसे बड़ा नदी द्वीप

माजुली नदी द्वीप विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है जो भारत में असम राज्य में स्थित है. ब्रहमपुत्र नदी पर स्थित माजुली नदी द्वीप 875 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. सितम्बर 2016 में गिनीज बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद ही इस द्वीप को पहचान मिल पाई क्योंकि इससे पहले यह द्वीप एक गुमनाम द्वीप था जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी थी. गिनीज बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड के अनुसार इस द्वीप पर रहने वाले लोगो की संख्या 1.60 लाख है.

उम्मीद है की भारत में स्थित, विश्व में प्रथम / First in the world : सबसे बड़ा, ऊँचा आर्टिकल से आपको कुछ जानने को मिला होगा इसी तरह की किसी भी जानकारी या हमें कुछ सुझाव देने के लिए आप कमेंट कर सकते है. इस जानकारी को आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी जरूर शेयर करे धन्यवाद

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