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बर्लिन की दीवार क्यों बनाई गयी और इसको गिराने का क्या कारण था

थे फॉल ऑफ थे बर्लिन वाल / The Fall Of The Berlin Wall : नमस्कार दोस्तों गूगल ने आज बर्लिन की दीवार गिरने की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर गूगल डूडल लगाया है, और इस पोस्ट में हम आपको बर्लिन की दिवार और इसके गिरने के कारण इन सभी बातों के बारे में जानकारी देंगे।The Fall Of The Berlin Wall Hindi

बर्लिन के विभाजन हो जाने के बाद से बहुत से परिवार भी बंट गए थे क्योंकि किसी का घर दिवार के एक और था तो किसी का दूसरी ओर, पूर्वी जर्मनी के पलायन से बचने के लिए इस दिवार का निर्माण करवाना जरूरी समझा था।

The Fall Of The Berlin Wall / थे फॉल ऑफ थे बर्लिन वाल

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बर्लिन की हालत कुछ इस तरह से हो गयी थी की वह 4 देशों अमेरिका फ़्रांस, ब्रिटेन, और सोवियत संघ में चार हिस्सों में बंट गया, इन 4 देशों के बिच इस बात की सलाह हुई थी की बर्लिन की सीमाओं को खुला रखा जायेगा।

हिटलर की हार की बाद के बाद जर्मनी चार हिस्सों में बंट गया था,   के विभाजन के बाद अधिकांश लोग पूर्वी जर्मनी से पशिचमी जर्मनी की और पलायन कर रहे थे, और यह पलायन अधिकतर बर्लिन से ही हुआ था।

इस पलायन को रोकने के लिए पूर्वी जर्मनी ने एक ख़ुफ़िया पुलिश का गठन भी किया था जिसका पूर्वी जर्मनी से पश्चमी जर्मनी जा रहे लोगो को पकड़ना था लेकिन यह ख़ुफ़िया पुलिश भी पलायन को नहीं रोक पाई।

पलायन को रोकने के लिए पूर्वी जर्मनी ने सीमा पर दिवार लगाने का फैसला लिया और यह फैसला इसलिए लिया गया था की जिससे लोगो को पलायन करने से भी रोका जा सके और इससे आर पार लोगो के बिच रिश्ते भी बने रहे।

सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था में मंदी आने लगी थी और सोवियत अफगान युद्ध के बाद सोवियत नेताओं ने अपनी सेना यूरोपीय देशों में नहीं भेजने का निर्णय लिया, और इसके बाद पूर्वी जर्मनी में लोगो ने विरोध करना शुरू किया, इस विरोध को सरकार भी नहीं रोक पाई, और इससे विद्रोह और भी उग्र हो गया था।

9 नवंबर 1989 को इसकी घोषणा के लिए लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई जिसमे पूर्वी जर्मनी के अफसर अपनी बात रख रहे थे। वहाँ उन्होंने अपनी बात रखी पर एक पत्रकार के पूछने पर उन्होंने गलती से कह दिया कि यह फैसला अभी से लागू होता है और वो पासपोर्ट वाली बात नही कह पाए।

जिसके बाद लाखो लोगो की भीड़ दीवार की तरफ बढ़ चली और उसे तोड़ने लगी। और आखिरकार बर्लिन की यह दीवार 9 नवम्टूबर 1989 को टूट गयी, और पश्चमी जर्मनी और पूर्वी जर्मनी का एक हो गए।

बर्लिन की दीवार से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • बर्लिन की दीवार का निर्माण पूर्वी जर्मनी के द्वारा करवाया गया था, जिसका मकसद पूर्वी जर्मनी से पलायन को रोकना था।
  • बर्लिन की दिवार का निर्माण 13 अगस्त 1961 को हुआ था और इसी दिवार को 28 साल बाद यानि की 9 नवम्बर 1989 को गिराया गया था।
  • जब दीवार का निर्माण करवाया जा रहा था तो इस बात को गुप्त रखा गया था क्योंकि इस बात का पता लोगो को चलता तो इससे पूर्वी जर्मनी छोडने वालों के बिच भगदड़ मच सकता था।
  • इस समय इस दीवार का लगभग 3 किलीमीटर तक का हिस्सा के अवशेष मौजूद है।
  • बर्लिन के विभाजन के बाद लोगो ने दीवार को पार करने के लिए, सुरंग बनाना, गर्म गैस के गुबारे और इसी तरह की बहुत से तरीके अपनाया करते थे।
  • शुरुआत में बर्लिन का विभाजन के लिए एक सफ़ेद लाइन का उपयोग किया गया, इसके बाद 1961 में दिवार लगाने से पहले कंटीले तार लगाये गए, और इसके बाद दीवार का निर्माण किया गया।
  • बर्लिन के दीवार के दोनों ओर से सैनिकों के चेक पोस्ट भी बनाये गए थे।
  • बर्लिन की दीवार की कुल लम्बाई 155 km थी।
  • बर्लिन की दीवार को पश्चमी जर्मनी की और से चित्रकारी भी की गयी थी।

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