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डॉ कमला सोहनी की 112वीं जयंती | गूगल डूडल

डॉ कमला सोहनी की 112वीं जयंती- आज का गूगल डूडल प्रसिद्ध भारतीय बायोकेमिस्ट डॉ कमला सोहोनी के 112वां जन्मदिन के अवसर पर लगाया गया है। ऐंसे दौर में जब महिलाओं को हर क्षेत्र में पीछे रखा जाता था डॉ कमला सोहोनी अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल बनी।

kamala sohonies 112th birthday

कमला सोहनी भारत की प्रसिद्ध कृषि विज्ञानी और वनस्पति विज्ञानी थीं। उन्होंने वनस्पति विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उन्होंने कई वनस्पति जीवन संबंधी अध्ययनों के लिए विश्वविद्यालयों और अन्य संगठनों में काम किया है।

वह वैज्ञान के क्षेत्र में पी एच डी प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उस समय लड़कियों को किसी भी काम में आगे रखने पर लोगो के द्वारा विरोध होता था तो ऐंसी कठिन परिस्थितियों में उन्होंने अपनी PHD की पढाई पूरी की।

कमला सोहोनी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया और उन्हें अनेक पुरस्कारों से भी नवाजा गया। उन्होंने कृषि विज्ञान में नवाचारों की विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अन्यान्य पश्चिमी देशों के साथ सहयोग किया।

कमला सोहोनी की गहन ज्ञानभूमि और विज्ञानिक योगदान के कारण उन्हें विज्ञान क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में मान्यता प्राप्त है। उनकी सामरिकता, आविष्कारी दृष्टिकोण और कृषि विज्ञान में उनके योगदान की प्रशंसा की गई है।

डॉ कमला सोहनी

डॉ कमला सोहोनी का जन्म इंदौर, मध्य प्रदेश में 18 जून 1911 को हुआ था इनके पारिवार में इनके माता पिता भी रसायनशास्त्री थे जिसके चलते इन्होने बॉम्बे विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान की पढाई शुरू की और 1933 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

इसके बाद वह भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में भी शामिल हुई और यहाँ शामिल होने वाली पहली महिला बनी, एक महिला होने के कारण उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बादजूद भी अपने शोध के बलबूते पर उन्होंने निर्देशक को भी प्रभावित किया।

इसका असर यह हुआ की अगले वर्ष से महिलाओं की अधिक नियुक्ति होने लगी, और इसके बाद फलियों में पाए जाने वाले प्रोटीन का अध्यन कर यह निष्कर्ष निकला की यह बच्चों में पोषण देने का काम करते है, 1936 में इस विषय पर उन्होंने अपनी थीसिस प्रकाशित की और मास्टर डिग्री हासिल की।

इसके एक साल बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलरशिप मिली, डॉ सोहोनी ने ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण एंजाइम साइटोक्रोम सी की खोज की और पाया कि यह सभी पौधों की कोशिकाओं में मौजूद था। केवल 14 महीनों में, उन्होंने इस खोज के बारे में अपनी थीसिस पूरी की और पीएचडी की।

बाद में वह भारत लौट आई और यहाँ डॉ. सोहोनी ने कुछ खाद्य पदार्थों के लाभों का अध्ययन करना जारी रखा और पाम अमृत से बने एक किफायती आहार पूरक को विकसित करने में मदद की। नीरा नामक यह पौष्टिक पेय विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है और कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए सिद्ध हुआ है।

डॉ सोहोनी को नीरा पर उनके काम के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह बॉम्बे में रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की पहली महिला निदेशक भी बनीं। सन 1998 में कमला सोहोनी की ने अपनी अंतिम सांस ली।

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