hanuman chalisa lyrics in hindi – Knowledge Hindi Me https://www.knowledgehindime.com KnowledgeHindiMe - is Blog par aapko Biography, Special Day, Festival, Education, Motivation ki jaankari Hindi me di jati hai. Wed, 08 Apr 2020 08:32:54 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://i0.wp.com/www.knowledgehindime.com/wp-content/uploads/2021/05/cropped-knowledge.png?fit=32%2C32&ssl=1 hanuman chalisa lyrics in hindi – Knowledge Hindi Me https://www.knowledgehindime.com 32 32 163273285 श्री हनुमान चालीसा – Hanuman Chalisa In Hindi https://www.knowledgehindime.com/hanuman-chalisa-in-hindi/ https://www.knowledgehindime.com/hanuman-chalisa-in-hindi/#respond Wed, 08 Apr 2020 08:32:54 +0000 https://www.knowledgehindime.com/?p=1165 Read more]]> Hanuman Chalisa In Hindi : 8 अप्रैल यानि हनुमान जी के जन्म दिन के रूप में मनाया जाने वाला दिन, जिसे हनुमान जयंती के रूप में जाना जाता है लेकिन हनुमान जयंती कहना गलत होगा क्योंकि जयंती तो उन लोगो की मनाई जाती है जो इस दुनिया को छोड़ कर चले जाते है। अर्थात जिनकी मृत्यु हो जाती है लेकिन यदि आपने रामायण को अच्छे से पढ़ा या सुना होगा तो हनुमान जी ने दुनिया की रक्षा करने के लिए यहीं रहने का फैसला किया था।

hanuman chalisa in hindi

इस प्रकार से यह दिन हनुमान जी का जन्म दिन के रूप में मनाये जाना चाहिए, न की जयंती के रूप में क्योंकि आज भी हमारे साथ हनुमान जी है, जो भले ही किसी ने नहीं देखे को लेकिन वह हम सभी को देखते है।

हनुमान दिवस के दिन हम सभी को हनुमान जी की चालीसा का पाठ करना चाहिए और प्रसाद वितरण करना चाहिए, यहाँ पर आपको हनुमान चालीसा में उपयोग हुए दोहा और चौपाई दी जा रही है जिसका रचना तुलसीदास जी ने की थी इसलिए हनुमान दिवस या कभी भी इस श्री  हनुमान चालीसा का पाठ कर अपने जीवन को धन्य बना सकते है –

Hanuman Chalisa In Hindi -श्री हनुमान चालीसा

दोहा :

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

चौपाई :

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।

दोहा :

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

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