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स्टीव इरविन की जीवनी : Steve Irwin Biography In Hindi, 57 वां जन्मदिन पर गूगल डूडल

स्टीव इरविन की जीवनी : Steve Irwin Biography In Hindi – दुनिया भर में क्रोकोडाइल हंटर के नाम से प्रसिद्ध स्टीव इरविन / Steve Irwin को इनके 57वें जन्मदिन पर सम्मानित करने के लिए गूगल डूडल लगाया गया है जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन वन्यजीवों के सरंक्षण के लिए लगा दिया. ऑस्ट्रेलिया चिड़ियाघर के अपने अनुभव को इन्होने टीवी प्रोग्राम द क्रोकोडाइल हंटर में पूरी दुनिया के साथ साझा किया और पूरी दुनिया को वन्यजीवों के संरक्षण और वन्यजीवों के आवास की जानकारी देकर जीवों के प्रति लोगो का नजरिया भी बदला. अपने जीवन में इन्होने बड़े सरीसृपों का प्यार विरासत के रूप में पाया.स्टीव इरविन की जीवनी : Steve Irwin Biography In Hindi

स्टीव इरविन / Steve Irwin के नाम से यदि आप इन्हें नहीं जानते है तो आप इनके चेहरे को जरूर जानते होगे क्योंकि इनके प्रोग्राम को आपने डिस्कवरी, एनिमल प्लेनेट, नेशनल जिओग्राफी टीवी चैनेल में तो जरूर देखा होगा. स्टीव इरविन के द्वारा सापों, मगरमच्छ के आलावा भी वन्यजीवों के ऊपर बहुत से टीवी प्रोग्राम और फिल्मे भी बनाई गयी थी.

स्टीव इरविन की जीवनी : Steve Irwin Biography In Hindi

स्टीव इरविन / Steve Irwin का जन्म 1962 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुआ था इनके माता पिता का नाम उदय लिन और बॉब इरविन था. जब ये 6 वर्ष के थे तो इनके जन्म दिन पर इनके माता पिता के द्वारा 6 फूट का अजगर दिया गया, और इन्होने इस अजगर का नाम फ्रेड रख लिया था. जब ये नौ साल के थे तो इन्होने क्वींसलैंड में आयोजित एस्ट कोस्ट क्रोकोडाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम में भाग लिया जिसमे खरे पानी में रहने वाले मगरमच्छ को पकड़ने और उन्हें बचाने के लिए मदद की जाती थी.

इसके बाद ये 1970 में ऑस्ट्रेलिया में क्रिस्लैंड चले गए और यहाँ इन्होने बिरवाह रेप्टाइल नाम से एक पार्क खोला. जिसका नाम बदलकर क्वींसलैंड सरीसृप और फौना पार्क रखा गया था, और अब इसे ऑस्ट्रेलिया चिड़ियाघर के नाम से जाना जाता है. पार्क का प्रबंधन संभालने के तुरंत बाद, इरविन ने अपनी पत्नी टेरी से मुलाकात की जो चिड़ियाघर का दौरा कर रही थी। उन्होंने अपने हनीमून को मगरमच्छों को पकड़ने में बिताया, और उन्होंने जो फुटेज शूट किया, वह द क्रोकोडाइल हंटर का पहला एपिसोड बन गया, जो कि 100 से अधिक देशों में 500 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा देखा गया एक हिट शो बन चूका था.

अपने परिवार जिसमे इनकी पत्नी टेरी और अपने दो बच्चों राबर्ट और बिंदी को शामिल कर लुप्तप्राय और खतरनाक जानवरों को बचाने के लिए इनके क्राइक शब्द से ये लोकप्रिय हो गए और यह जीवों के लिए इनका पारिवारिक प्रयास था.

आज, स्टीव इरविन / Steve Irwin की विरासत उनके परिवार के निरंतर पशु संरक्षण कार्य के माध्यम से और प्रत्येक 15 नवंबर को स्टीव इरविन दिवस के जश्न के साथ रहती है, ऑस्ट्रेलिया चिड़ियाघर के वन्यजीव समुदाय कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए धन उगाहने वाले कार्यक्रमों सहित धन और आयोजनों का एक अंतर्राष्ट्रीय उत्सव।

स्टीव इरविन / Steve Irwin एक प्यार करने वाले पिता और पति थे जिन्होंने वन्य जीवन और जंगली स्थानों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने अपनी वाइल्डलाइफ डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ द क्रोकोडाइल हंटर, अपने विश्व प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलिया ज़ू, और अपने चैरिटी वाइल्डलाइफ़ वॉरियर्स के माध्यम से इस जीवन मिशन को पूरा किया। वह अपने बचाव और अनुसंधान कार्यों के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध थे, जो लुप्तप्राय खारे पानी के मगरमच्छ, डायनासोर के सबसे करीबी जीवित रिश्तेदार, जो अब पृथ्वी पर सबसे बड़े सरीसृप हैं।

अपने जीवन में इन्हें एक विवाद का सामना भी करना पड़ा क्योंकि इन्होने अपने एक फिल्म की शूटिंग के लिए अपने छोटे बच्चे को अजगर के बाड़े में डाल दिया था जिसका लोगो के द्वारा विरोध किया गया था.

स्टीव इरविन की मृत्यु / Steve Irwin Die

2006 में स्टीव इरविन / Steve Irwin के साथ एक घटना घटी जो उनकी मौत का कारण बनी. उस समय ये अंडरवाटर डॉक्यूमेंट्री के लिए एक फिल्म बना रहे थे जिसकी शूटिंग क्वींसलैंड में हो रही थी जिसमे इन्हें स्टिंगरे मछली के पीछे से तैरकर आना था और यह उनका अंतिम शॉट था. आपको बता दे की स्टिंगरे खतरनाक मछली होती है, जो शांत होती है. शूटिंग के दौरान परिस्तिथि इस उस समय बदल गयी जब स्टिंगरे ने इन पर हमला कर दिया.

मछली के इस हमले में मछली ने अपनी पूछ से इन पर वार किया था जिससे मछली का काँटा इनके सिने में घुसा हुआ था. यह सब घटना इनके कैमरे में रिकॉर्ड हो रही थी, और उस समय इनका कैमरामैंन भी इनके साथ थे, स्टीव इरविन मछली के कांटे को निकालने की कोशिश भी कर रहे थे लेकिन यह काँटा इंतना बड़ा था की इसे नहीं निकाल पाए.

इनके खून से पानी का रंग भी लाल हो गया था क्योंकि यह काँटा 2 इंच तक का घाव, इनके सिने में बना चूका था और इस कांटे में जहर भी था. उनकी टीम के द्वारा उन्हें हेलीकॉप्टरों से अस्पताल भी पहुचाया गया था लेकिन इलाज के शुरू होने से पहले ही 44 वर्षीय स्टीव इरविन / Steve Irwin की 2006 में मृत्यु हो गयी.

2001 में, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इरविन को सेवाकाल के लिए शताब्दी पदक से सम्मानित किया, और 2004 में उन्हें ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर के लिए नामांकित किया गया। उनकी कई उपलब्धियों में तड़क-भड़क की एक नई प्रजाति की खोज थी, जिसे उनके सम्मान में एल्सेया इरविनी नाम दिया गया था। 2018 में उन्हें मरणोपरांत हॉलीवुड वॉक ऑफ फेम में एक स्टार से सम्मानित किया गया।

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