Science Questions इन्हें समझने का प्रयाश करें अन्यथा इससे अपरिचित ही रह जाओगे.
1.जंजीर खीचने से ट्रेन का रुकना –
2. साँप के काटने पर मृत्यु क्यों –
न्यूरोटोक्सिन व्यक्ति जीव की तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है जबकि टीमोटोक्सिन रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं को समाप्त करता है इन्ही कारणों से व्यक्ति जीवन की मृतु हो जाती है
3. रायफल की गोली बेलनाकार क्यों –
जब कोई वस्तु हवा में तेज गति से चलती है तो घर्षण होता है जिससे ऊष्मा निकलती है गोली भी बहुत तेजी से घर्षण करते हुए आगे बढती है बेलनाकार होने के कारण प्रत्येक स्थान पर घर्षण कम से कम होता है
4. जुगनू का चमकना –
जुगनू एक कीट है यह और्थोपोड़ा संघ का है यह रात को चमकता है इसके शरीर में स्थित एक ग्रंथि ल्यअरी फेरिन नामक पदार्थ एक-एक कर उत्सर्जित करती है यह पदार्थ हवा के संपर्क में आते ही चमकता है जिससे अँधेरा होने के कारण यह चमक हमे साफ़ दिखाई देती है
5.पौधे कांटेदार क्यों –
रेतीले स्थानो पर जहाँ पानी की भयंकर कमी होती है वहां के पौधे अपने अन्दर कांटे उत्पन करते है वास्तव में ये कांटे पौधे के पतियों का ही रूपांतरण होती है कांटे में बदलने के कारण वाष्पोत्सर्जन की दर कम हो जाती है
6. जानवरों की जुगाली –
यदि हम कुछ शाकाहारी जानवरों को देखें तो भोजन के बाद वे कुछ समय तक मुहँ चलते है इसे जुगाली कहते है जुगाली करने वाले जानवरों के अमाशय में 4 वेश्म होते है जुगाली करने से भोजन एक बेशम से दुसरे वाले सिरे में जाता है
7. कागज़ फटने पर आवाज –
कागज़ का निर्माण सेलुलोज के रेशों ,एवं अन्य वस्तुओं से मिलकर होता है तब कोई भी वास्तु फटती है तो उसके चारों और की वायु में कम्पन होता है इसी कारण जब सेलुलोज रेशे टूटते है तो कम्पन के कारण आवाज होती है
8. पुल पर शोर अधिक क्यों –
जब ट्रेन पुल से गुजरती है तो तेज हवा में होने वाले तीव्र विक्षोप पुल की दीवारों से टकराता और आवाज उत्पन करता है इसी के साथ ट्रेन या बस आने पर का कम्पन के कारण भी विक्षोप ध्वनि को प्रभावित करता है
9.पहाड़ों पर भोजन देर से पकना –
समतल स्थानो की उपेक्षा पहाड़ों पर भोजन विलम्ब से गलता है इसका कारण यह है की वहां हवा का दबाब कम होता है इस कारण पानी का कथ्व्नांक घट जाता है परिणामस्वरुप भोजन देर से पकता है
10. इंद्र धनुष सुबह शाम को ही क्यों –
इन्द्र धनुष का निर्माण तभी संभव हो सकता है जबकि सूर्य की किरणें वे बादल जो भाप से बने है आपस में 45 अंश का कोण बनायें ये 45 अंश का कोण केवल सुबह या शाम को बनता है क्योंकि दिन में सूर्य ठीक हमारे सिर पर होता है अर्थात वाष्प बादलों के साथ 90 अंश का कोण बनने के कारण यह इंद्र धनुष सुबह या शाम को ही दिखाई देता है