Badrinath Temple उत्तराखंड के चार धाम (Char Dham) में सबसे महत्वपूर्ण है। चतुर्भुज ध्यान मुद्रा में स्थित विष्णु भगवान जी की यह मूर्ति काले शालिग्राम से निर्मित है। यह मूर्ति प्रत्येक वर्ष नवंबर माह में ज्योर्तिमठ ले जाई जाती है.
Badrinath Temple एक धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल- Uttarakhand
जब गंगा माँ धरती पर तीव्र प्रवाह से आई तो पृथ्वी में इतने तीव्र वेग से आने के कारण पृथ्वी में प्रलय आ सकती थी इसलिए गंगा माँ 12 धाराओं के रूप में विभाजित होकर प्रवाहित हुई इन बारह धाराओं में से अलकनंदा भी एक धारा है.
स्कन्द पुराण के अनुसार आदि गुरु शंकराचार्य जब यहाँ भ्रमण पर आये थे तो उन्हें नारद कुण्ड से भगवान विष्णु की सिलाग्राम की मूर्ति मिली. पानी में होने के कारण इसका रंग काला सा हो गया था.
कहा जाता है की पहले यहाँ बोध स्थल था और बोधों ने ही इस मूर्ति को अलकनंदा नदी में फेंक दिया था. जब इस मूर्ति को आदि गुरु शंकराचार्य ने नारद कुण्ड से निकाला तो इसके बाद इसे नर और नारायण पर्वत के मध्य स्थित अलकनंदा नदी के किनारे इसकी स्थापना की और तब से यह हिन्दुओ का सबसे पवित्र मंदिर बन गया.
इसके बाद सन 1803 में विनाशकारी भूकम्प आने के कारण इस मंदिर को बहुत अधिक नुक्सान पहुंचा और यह छती ग्रस्थ हो गया था. इसके बाद राजस्थान जयपुर के एक राजा द्वारा इसका निर्माण करवाया गया था.
पुराणों में बद्रीनाथ के नाम –
प्रमुख स्थानों से बद्रीनाथ की दुरी –
Badrinath Temple कैसे जा सकते है
Badrinath Temple की यात्रा पर आने वाले यात्रिओं को इस मंदिर में आने के लिए Uttarakhand ऋषिकेश आना होगा. आप ऋषिकेश तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग, वायु मार्ग, या ट्रेन से भी आ सकते है. इसके बाद जब आप ऋषिकेश पहुँच जाते है तो यहाँ से मंदिर की दुरी 298 km है जिसे आप या तो Helicopter से पूरा कर सकते है या आपको सडक मार्ग का इस्तेमाल करना होगा. Helicopter से आप यहाँ कुछ घंटो में पहुँच सकते है लेकिन सडक मार्ग से आप 15 घंटो या पूरा दिन लग सकता है.
यात्रा का समय
यह स्थान ऊंचाई में होने के कारण यह प्रतिवर्ष ठंडियो में वर्फ पड़ती है जिस कारण केवल गर्मियो के सीजन में ही यात्रियों के दर्शन के लिए यहाँ के कपाट खोले जाते है. यात्रा सीजन में यात्रा रुट में जगह जगह यात्रिओं के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
Badrinath धाम जाने के लिए यात्रिओं को हवाई सेवा भी उपलब्ध कराइ जाती है। यात्री देहरादून या चमोली से भी हवाई यात्रा कर Badrinath जा सकते हैं।
Badrinath par aapne jo jankari di hai use padhkar bahut accha laga. badrinath chaaron dhamon me sabse prasiddh dhaam hai. jankari ke liye dhanyavad.