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विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) क्यों मनाया जाता है ?

Vishva Paryavaran Divas Kab Manaya Jata Hai  : पुरे विश्व में पर्यावरण दिवस को मनाये जाने का कारण है पर्यावरण को सुरक्षित रखना। मानव, पशु, पक्षी पर्यावरण में शामिल जीव है और इनकी सुरक्षा के लिए पर्यावरण सुरक्षित होना जरूरी है, पर्यावरण तभी सुरक्षित रह सकता है जब हम इसमें अपना योगदान करे।

पर्यावरण से प्रकृति की हर एक घटना जुडी है, हर एक घटना नियंत्रित होती हो और और जब इसे नुक्सान पहुँचाया जाता है तो इससे नुक्सान में उतना ही अधिक खतरनाक होता है।Vishva-Paryavaran-Divas-Kab-Manaya-Jata-Hai

 

पर्यावरण के बिगड़ते स्वरुप के कारण ही पुरे विश्व में बहुत से पशु, पक्षी विलुप्त हो चुके है और बहुत से विलुप्त होने की सीमा तक भी पहुँच चुके है, पर्यावरण के दशा सही नहीं होने से मानव को भी नई नई बिमारियों से ग्रषित होते हुए देखा जा सकता है, और इन सभी घटनाओं के जिम्मेदार भी मानव ही है।

विश्व पर्यावरण दिवस / World Environment Day In Hindi

मानव ही पर्यावरण को दूषित करने का कारण है और मानव चाहे तो पर्यावरण को दूषित होने से भी बचा सकता है, और इसके लिए सभी लोगो को पर्यावरण को दूषित करने वाले कारक को रोकना होगा, तभी जाकर पर्यावरण में कुछ अच्छा बदलाव देखने को मिलेगा।

मानव अपनी उन्नति करने के चक्कर में पर्यावरण को नुक्सान पहुंचता जा रहा और वह यह भूलता जा रहा है की यही पर्यावरण ही है तो उसकी जिंदगी को आगे ले जा रहा है, क्योंकि इंसान हर एक चीज के बिना रह सकता है लेकिन यदि पर्यावरण ही नहीं रहा तो फिर इंसान को कोई चीज नहीं बचा सकती है।

पर्यावरण क्या है / What is Environment

पर्यावरण दो शब्दों के मेल से बना है परि और आवरण जिसमे परि का अर्थ है “चरों ओर ” और आवरण का अर्थ है “घिरा हुआ” अर्थात इसका मतलब है “चारो ओर से घिरा हुआ” पर्यावरण के अंतर्गत हमारे चारो तरफ पाए जाने वाले जीव जंतु , वायु , जल, सूर्य आदि सभी तत्व आते है जिनका प्राक्रतिक क्रियाओं घटनाओं से सम्बन्ध होता है।

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास / world environment day history

सन 1972  को स्टॉकहोम, स्वीडन में सयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण से सम्बंधित एक सभा का आयोजन किया गया था, जिसे 5 जून से 16 जून तक आयोजित किया जाना था और इसमें 119 देशों ने भाग लिया था, इस सम्मलेन का मकसद पर्यावरण को सुरक्षित रखने का था। सम्मलेन में ही 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गयी थी। इसी सम्मलेन में ही संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की स्थापना भी की गयी थी।

5 जून को पर्यावरण दिवस मनाये जाने की घोषणा के बाद पहला पर्यावरण दिवस 5 जून 1973 को मनाया गया और इस पर्यावरण दिवस की थीम थी “Only One Earth” । उस समय इसे W.E.D के रूप में जाना जाता था। 1987 से इस दिवस को मनाये जाने के लिए प्रतिवर्ष अलग अलग देशों में केंद्र को बनाये जाने का विचार किया गया था।

पर्यावरण का क्या महत्व है

पृथ्वी पर जीवन है और यह जीवन पर्यावरण की ही देन है क्योंकि मानव को साँस लेने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है पीने के लिए पानी जरूरी है और इन सभी तत्वों की पूर्ति प्राक्रतिक घटनाओ के कारण ही संभव है लेकिन यदि इन प्राक्रतिक घटनाओ में फेरबदल हो जाये तो इससे मानव जीवन खतरे में पड़ जायेगा।

पर्यावरण को किससे नुक्सान है

पर्यावरण को नुकसान केवल मानव से है क्योंकि जो भी कारक पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाता है उसकी शुरुआत मानव ही करता है. मानव हमेशा से पर्यावरण को नुक्सान पहुचाने वाले कारक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार रहा है और पर्यावरण को प्रदुषण से जितना खतरा है उतना किसी से नहीं. प्रदुषण के अंतर्गत वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण, ध्वनी प्रदूषण,  मृदा प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण सभी शामिल है जो निम्न प्रकार से जिम्मेदार है-

  1. कारखानों, से निकलने वाला धुआं.
  2. वनों में लगने वाली आग.
  3. वनों की कटाई.
  4. वाहनों से निकलने वाला विषेला धुंआ.
  5. पहाड़ों का काटन.
  6. मानव द्वारा पलास्टिक का अत्यधिक उपयोग.
  7. गंदे जल को साफ बहते पानी में छोडना.

Vishva Paryavaran Divas Kab Manaya Jata Hai

5 जून को प्रतिवर्ष पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया है इस दिन भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व पर्यावरण दिवस को मनाता है

हम पर्यावरण बचाने में कैसे मदद कर सकते है

पर्यावरण बचाने के लिए एक छोटी सी मदद ही काफी है जिसमे कोई भी व्यक्ति एक पेड़ लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित करने में मदद कर सकता है. क्योंकि पर्यावरण को बचने के पेड़ पोधों का सबसे अधिक योगदान है।

पर्यावरण को बचाने के लिए मदद बहुत प्रकार से की जा सकती है जिनमे हम साफ सफाई रखकर, पेड़ों को सुरक्षित रखकर, कुछ पेड लगाकर,  पानी का इस्तेमाल केवल जरूरत पढने पर करना , बिजली की बचत करना, वाहनों का उपयोग कम कर या और भी बहुत से कार्यो से हम अपने पर्यावरण को बचा सकते है।

यदि किसी को अपनी चिंता नहीं है तो आपको आने वाली पीढ़ी की चिंता तो जरूर करनी चाहिए क्योंकि जो गलती हम पर्यावरण के साथ करेंगे उसकी सजा आने वाली पीढ़ी को मिलेगी। इसलिए यदि पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान नहीं दे सकते है तो पर्यावरण को प्रदूषित भी नहीं करना चाहिए।

विश्व पर्यावरण दिवस की थीम

हर साल पर्यावरण दिवस को मनाने के लिए एक थीम दी जाती है जिसका मकसद लोगो को एक message देना होता है

इस साल यानि की 2022 में विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है “Only One Earth” यानि की केवल एक पृथ्वी, इस थीम से हमें यह message मिल रहा है की हमारे पास केवल एक पृथ्वी है यानि की हमारे पास केवल एकमात्र घर है, और इसे बचाए रखने के लिए पर्यावरण ही एक मात्र माध्यम है जिससे जीवन कायम है, यानि की हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।

विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम थी “Ecosystem Restoration” जिसका अर्थ है पारिस्थितिकी तंत्र की पुर्नबहाली आसन से शब्दों में कहे तो इसका मतलब हुआ पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र को पहले की तरह अच्छी अवस्था में लाना, और यह करने के लिए हमें पेड़ लगाने होंगे, नदियों को साफ करना होगा, वन को बचाना होगा

विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है इस जानकारी को जरूर शेयर करे ताकि सभी की इसके बारे में जानकारी हो सके और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने से बचाया जा सकते।

4 thoughts on “विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) क्यों मनाया जाता है ?”

  1. Sir Nice Information but my question is if i embeed a youtube video in my blog post and

    and a User come from google search and watch videk so this time is calculated on my site or not

    Reply
    • aapka question kya hai yah samjh nahi aa rha hai
      yadi aap yah puch rahe hai video ka watch time site me calculate hoga ya nahi to aapko bata dun ki yadi aap youtube par redirect ho jate hai to tab calculate nahi hoga lekin yadi user aapki site par hi hai to yah calculate hoga

      Reply

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