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सके डीन महोमेड की जीवनी हिंदी में : Sake Dean Mahomed Biography In Hindi

सके डीन महोमेड की जीवनी हिंदी में / Sake Dean Mahomed Biography In Hindi : आज के दिन गूगल डूडल पर सके डीन महोमेड (Sake Dean Mahomed) का डूडल लगाकर उन्हें सम्मानित किया गया है. सके डीन महोमेड / Sake Dean Mahomed एक एंग्लो-भारतीय यात्री, सर्जन और एक प्रसिद्ध व्यापारी थे.सके डीन महोमेड

सके डीन महोमेड बड़े ही प्रतिभा संपन्न व्यक्ति थे जिन्होंने यूरोप में भारतीय व्यंजन और शैम्पू स्नान पेश किए, जहां उन्होंने चिकित्सकीय मालिश की पेशकश की। वह पहले भारतीय थे जिन्होंने अंग्रेजी में किताब प्रकाशित की

सके डीन महोमेड (Sake Dean Mahomed) की जीवनी हिंदी में

सके डीन महोमेड (Sake Dean Mahomed)  का जन्म सन् 1759 में पटना में हुआ था इनके पिता बिट्रिश सरकार में एस्ट इंडिया कंपनी में कर्मचारी के तौर पर काम करते थे. मात्र 10 वर्ष की आयु में इनके पिता का निधन हो गया था जिस कारण अपने पिता की जगह पर इन्हें काम करना पड़ा. इन्होने बंगाल रेजीमेंट में भी एक सैनिक के तौर पर भी रहे थे.

कुछ समय एस्ट इंडिया के लिए काम करने के बाद ये 1782 में रहने के लिए बिट्रेन चले गए. कुछ समय तक बिट्रेन में ही काम करने के बाद इन्होने 1810 में भारतीय व्यंजनों का एक रेस्तरां खोला, जिसका नाम इन्होने हिन्दुस्तानी काफी हॉउस रखा. बिट्रेन में इनका यह रेस्तरां प्रसिद्ध रेस्तरां बन गया था. इसके साथ ही वह पहले भारतीय थे जिहोने इंग्लैंड में भारतीय व्यंजन के लिए रेस्तरां खोला

सके डीन महोमेड (Sake Dean Mahomed) ने 15 जनवरी1794 को अपनी पहली अंग्रेजी किताब को इंग्लैण्ड में प्रकाशित किया था जो थी द ट्रेवल्स ऑफ डीन मोहम्मद। इन्होने भारतीय चिकित्सीय वाष्प स्नान से लाभ के बारे में एक पुस्तक भी प्रकाशित की जो थी Shampooing; Or, Benefits Resulting from the Use of the Indian Medicated Vapour Bath. इसका प्रकाशन इन्होने 1826 में किया था. इसके आलावा भी इन्होने बहुत सी पुस्तकों का लेखन कर प्रकाशित किया. भारत और इंगलैंड सांस्कृतिक रिश्तों को बढ़ाने में उनका बहुत योगदान रहा है।

सके डीन महोमेड को 1812 में उन्हें अपने व्यवसाय में फायदा ना होने के बाद रेस्तरां को बंद करना पड़ा और इसके लिए उन्हें मजबूर किया गया। इसके बाद वह अपने परिवार के साथ यूनाइटेड किंगडम के ब्राइटन शहर में रहने लगे, यही पर इन्होने Mahomed Baths नाम का एक स्पा खोला जिसमें शानदार हर्बल स्टीम बाथ की पेशकश की गई थी। उनकी ख़ासियत स्टीम बाथ (Steam Bath) और भारतीय चिकित्सीय मालिश (Indian Therapeutic Massage) का एक संयोजन थी – जिसे शैम्पू नाम दिया गया था, शैम्पू शब्द को हिंदी के शैम्पिसज शब्द से लिया गया था जिसका हिंदी में अर्थ है सिर की मालिश।

1822 में, किंग जॉर्ज IV ने महोमेद को अपना व्यक्तिगत शैंपू करने वाला सर्जन का पद दिया, इसके बाद उनके व्यवसाय में बहुत तारीकी हुई । ब्राइटन के संग्रहालय में सके डीन महोमेड का चित्र लगाया गया है, जो इनके अपनी जन्म भूमि और मरण भूमि की संस्कृति की याद दिलाता है. इनका अपने दो घरों भारत और यूनाइटेड किंगडम की संस्कृतियों को मिलाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा।

सके डीन महोमेड की मृत्यु 24 फरवरी 1851 को यूनाइटेड किंगडम के ब्राइटन शहर में हुई। उन्हें ब्राइटन के सेंट निकोलस चर्च,  के कब्रिस्तान में दफनाया गया। गूगल डूडल पर लगाये गए चित्र में गूगल ने इनके भारतीय व्यंजन, मसाले और मालिश में उपयोग होने वाले शेम्पू की एक बोतल का उपयोग से डूडल को बनाया है.

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