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गुरु नानक जयंती हिंदी में : Guru Nanak Jayanti In Hindi

गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है – गुरु नानक देव का जन्म 1526 को ननकाना साहिब में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। इनके पिता का जाम कालू खत्री और माता का नाम तृप्ता देवी था।

जब ये छोटे थे तो इन्हें जनेऊ पहनाया जा रहा था लेकिन उन्होंने जनेऊ पहनने से माना कर दिया था क्योंकि जनेऊ पहनना दूसरा जन्म या अध्यात्मिक जन्म माना जाता था।

गुरु नानक जी कहते थे की हम जो जानेऊ पहनते है यह तो कपास का है और टूट भी सकता है और मरने के बाद तो यह चिता में जल जायेगा तो फिर यह अध्यात्मिक जन्म कैसे हुआ, इसलिए जनेऊ ऐंसा होना चाहिए जो आत्मा को बांध सके और फिर इन्होने जनेऊ नहीं पहना।

गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है

गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है

सिख समुदाय के प्रमुख त्यौहार गुरु नानक जयंती को बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को सिखों के पहले गुरु नानक देव जी की जन्म शताब्दी में रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती के इस पर्व को गुरु नानक का प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है।

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म ननकाना साहिब (वर्तमान समय में पंजाब पाकिस्तान) में 15 अप्रैल 1469 को दिन हुआ था लेकिन उनकी जयंती को हिन्दू कलेंडर के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

सिख धर्म के 10 गुरु हुए है जिनमे गुरु नानक देव जी सिख धर्म के प्रथम गुरु थे। और यही कारण है की गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।

गुरु नानक जयंती का यह पर्व खास रूप से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बड़ी धूमधाम के साथ 3 दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व है. इस पर्व के अवसर पर इनके जन्म स्थल ननकाना साहिब और अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में श्रदालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते है। इस पर्व को केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोगो के द्वारा भी मनाया जाता है।

गुरु नानक जयंती के इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है जिसका कारण यह है की समाज में बुराईयों से बचने के लिए गुरु नानक जी ने लोगो के जीवन में प्रकाश भर दिया था, और उन्हें सही रास्ता दिखाया। गुरु नानक देव जी की मृत्यु 22 सितंबर 1539 करतारपुर में हुई।

गुरु नानक जयंती पर 48 घंटों तक गुरु ग्रन्थ साहिब का पाठ (अखंड पाठ) बिना रुके किया जाता है और यह पाठ गुरु नानक जी के जन्मदिन को ही सम्पन किया जाता है। इस दिन पर घरों को रोशनी से सजाया जाता है। यह पर्व दीपावली के जैसे ही मनाये जाने वाला एक पर्व है।

सिखों के द्वारा मनाया जाने वाला गुरु नानक जयंती / Guru Nanak Jayanti के अवसर पर सिख समुदाय के लोगो के द्वारा धार्मिक जलूस (प्रभात फेरी) निकला जाता है। गुरूद्वारे में भजन कीर्तन (आसा-दे-वार) का गायन किया जाता है। इसके बाद प्राथना (रेहर) कर प्रसाद बांटा जाता है,  इसके साथ साथ लंगर लगाकर लोगो की सेवा भी की जाती है। इसके आलावा इस दिन पर गुरुवाणी का पाठ भी किया जाता है।

गुरु नानक का उपदेश क्या था?

  • कभी भी किसी का हक़ नहीं छिनना चाहिए, बल्कि मेहनत से कमाकर जरुरतमंदों की सहायता करनी चाहिए।
  • स्त्रियों का सामान करना चाहिए, स्त्री परुष में कोई भेदभाव नही करना चाहिए।
  • अपने जीवन में कभी भी अंहकार नहीं करना चाहिए। क्योंकि अंहकार के नाश का कारण होता है।
  • किसी भी जीत को पाने से पहले स्वयं अपने आप पर विजय पाना जरूरी है।

(गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है)

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