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एपीजे अब्दुल कलाम जीवन परिचय हिंदी में – APJ Abdul Kalam Biography In Hindi


एपीजे अब्दुल कलाम जीवन परिचय हिंदी में – APJ Abdul Kalam Biography In Hindi : डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आजाद Dr. APJ Abdul Kalam Azad को “मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है इन्होने अपना योगदान देश को पृथ्वी, त्रिशूल, अग्नि, आकाश, नाग, ब्रह्मोस जैसे मिसाइल को बनाने में दिया. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक मुस्लिम परिवार से थे इसके वावजूद वे गीता भी पढ़ा करते थे.

एपीजे अब्दुल कलाम जीवन परिचय हिंदी में - APJ Abdul Kalam Biography In Hindi


एपीजे अब्दुल कलाम जीवन परिचय हिंदी में – APJ Abdul Kalam Biography In Hindi

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम / APJ Abdul Kalam Azad का जन्म 15 अगस्त 1931 को रामेश्वर, तमिलनाडु में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. इनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलब्दीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) था. इनके पिता का नाम जैनुलब्दीन और माता का नाम अशिअम्मा था. इनके पिता पेशे से एक नाविक थे और इनकी माँ ग्रहणी थी. डॉ.कलाम एक सयुंक्त परिवार में रहते थे, यह कुल मिलकर 10 भाई बहन थे जिसमे 5 भाई और 5 बहने थी. APJ Abdul Kalam Biography

एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा – APJ Abdul Kalam Education

एपीजे अब्दुल कलाम जी की प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम में ही पूरी हुई लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण इन्हें बचपन से ही काम करना पड़ा, जिसमे ये अखबार भी बेचा करते थे. इन्होने “सेंट जोसेफ कॉलेज तिरुचिरापल्ली” से भोतिक बिषय से स्नातक की पढाई पूरी की. अब्दुल कलाम बचपन से पढाई में सामान्य थे लेकिन यह कुछ ना कुछ सिखने के लिए पढाई किया करते है.

अब्दुल कलाम की सिखने की इच्छा के कारण ही इन्होने 1955 में मद्रास में “एयरोस्पेस इंजीनियरिंग” की शिक्षा ली. 1960 में इन्होने “मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी” से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की. पढाई पूरी करने के बाद इनका चयन DRDO में हुआ, यहाँ अब्दुल कलाम आजाद ने अपने कैरियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटा हैलीकॉप्टर बनाने से की. DRDO में अपने किये गए काम से वह संतुष्ट नहीं थे जिस कारण उन्होंने DRDO छोड़ दिया.

अब्दुल कलाम “इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च” के भी सदस्य थे. 1962 में इनका चयन “भारतीय अन्तरिक्ष अनुसधान संगठन” (ISRO) में हुआ. यहाँ 1980 में अब्दुल कलाम ने भारत का सबसे पहला उपग्रह “पृथ्वी” जिसे “SLV3” के नाम से भी जाना जाता है को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया गया.

अब्दुल कलाम की इस बड़ी सफलता के लिए उन्हें “इंटरनेशनल स्पेस क्लब” का सदस्य बना दिया गया और इसी दौरान वह अमेरिका अन्तरिक्ष संगठन “नासा” की भी यात्रा की.

अब्दुल कलाम अपने कार्यों की सफलता के बाद देश में सबसे बड़े वैज्ञानिकों में इनका नाम शामिल हो गया, और इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है की इस दौरान तात्कालिक प्रधानमंत्री इन्द्रागाँधी ने बिना कैविनेट से सलाह किये डॉ कलाम को गुप्त परियोजना पर कार्य करने की अनुमति भी दी थी.

डॉ कलाम की देख रेख में ही भारत सरकार के द्वारा चलाये गए “इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम” की शुरुआत की गयी थी और इसी के अंतर्गत डॉ कलाम ने देश को “अग्नी” और “पृथ्वी” मिशाइल देकर भारत का नाम पूरी दुनिया में ऊँचा किया.

1990 में डॉ कलाम को इनके द्वारा किये गए कायों के लिए “पद्म विभूषण” से समानित किया गया, इसके बाद इन्होने 1992 से 1999 तक “सुरक्षा शोध और विकास विभाग” के सदस्य से साथ साथ उन्होंने रक्षामंत्री के “विज्ञान सलहकार” के पद पर भी कार्य किया.

1997 में डॉ कलाम को “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया, 1998 में उन्हें परमाणु वैज्ञानिक राजा रमना जिनकी देखरेख में भारत का पहला परमाणु परिक्षण हुआ था ने पोखरण में परमाणु परिक्षण देखने के लिए भी आमंत्रित किया था.

2002 में राजनितिक दल एन डी ए ने इन्हें राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया और डॉ कलाम की इन चुनावो में जीत हुई और वह 2002 में राष्ट्रपति के रूप में जनता के समुख आये इस पर जनता की और से इन्हें “जनता का राष्ट्रपति” के नाम से भी जाना जाने लगा था. डॉ कलाम का राष्ट्रपति कार्यकाल 2007 को समाप्त हुआ इसके बाद उन्होंने “भारतीय प्रबंधन संस्थान” और “भारतीय विज्ञान संस्थान” में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया.

“मिसाइल मैन” के नाम से परिचित डॉ कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को “भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग” में लेक्चर के दौरान दिल का दौरा पड़ने से हुआ. 28 जुलाई को दिल्ली और 29 जुलाई को मैदुर में श्रदांजलि देने के बाद 30 जुलाई को उन्हें तमिलनाडु के पी करुम्बू मैदान में उनके शरीर का दफनाया गया. APJ Abdul Kalam Biography

डॉ अब्दुल कलाम को मिले सम्मान –

  • 1981 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया/
  • 1990 में इनके द्वारा किये गए कार्यों के लिए भारत सरकार की और से इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
  • 1997 को डॉ कलाम को भारत के सबसे बड़े सामान भारत रत्न से समानित किया गया था.
  • संयुक्त राष्ट्र ने डॉ कलाम के 79वे जन्मदिन को विश्व विधार्थी दिवस (World Student Day) के रूप में मनाया गया था.
  • डॉ कलाम की पूण्यतिथि पर गूगल ने डॉ कलाम से सम्मान में गूगल डूडल पर काला रिबन लगाया था.
  • डॉ कलाम को देश के 40 से भी अधिक विश्वविद्यालय के ओर से “डॉक्टरेट” की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था.

डॉ. अब्दुल कलाम की किताबें – Dr. Abdul Kalam Books

डॉ कलाम ने अपने जीवन में पढाई के साथ साथ किताबें भी लिखी है उनकी लिखी गई किताबों में कुछ निम्न है –
  • माय जर्नी
  • अनलीशिंग दी पॉवर विथ इन इंडिया
  • इंडिया 2020 ए विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम
  • विंग्स ऑफ़ फायर (डॉ कलाम की आत्मकथा)

एपीजे अब्दुल कलाम विचार हिंदी में -Abdul Kalam Quotes In Hindi

  • अपने कर्म को सलाम करो, दुनिया तुम्हे सलाम करेगी, यदि कर्म को दूषित रखोगे तो हर किसी को सलाम करना पड़ेगा.
  • जिस दिन हमारा सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाये समझो हम कामयाब हो गए.
  • यदि आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूर्य की तरह जलना सीखो.
  • एक अच्छी पुस्तक हजार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्तों एक पुस्तकालय के बराबर होता है.


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